मुख्यमंत्री ने इस बैठक में यह बताया कि नक्सली प्रभावित क्षेत्र में पुलिस का सूचना तंत्र मजबूत हो गया है। उन्होंने जवानों को मूलभूत सुविधाएं और संसाधन प्रदान करने के भी निर्देश दिए गए।
छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग, जो पिछले चार दशकों से नक्सलवाद का सामना कर रहा है, की स्थिति अब सुधारने लगी है। अंदरूनी गांवों में विकास कार्यों की पहुंच के साथ, जवानों ने ग्रामीणों का विश्वास जीतने में सफलता हासिल की है। यह बात मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर के सर्किट हाउस में आयोजित यूनिफाइड कमांड की बैठक में कही।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का उद्देश्य नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों को ग्रामीणों तक पहुंचाना था। बैठक में सड़क, बिजली, और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाए और गांवों तक आवागमन के लिए सड़क, पुल-पुलिया, और अन्य शासकीय निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरे किए जाएं। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में संचालित निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने और आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देश दिए गए।
क्या कहा सीएम साय ने?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सल मोर्चे पर तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल और राज्य की पुलिस बल बेहतर तालमेल से अंदरूनी इलाकों में नक्सल ऑपरेशन चलाकर लगातार सफलता हासिल कर रही है। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से बस्तर में नक्सली बैकफुट पर हैं। ऑपरेशन के साथ-साथ शासन की नवीन “नियद नेलानार योजना” के तहत विकास कार्य में भी तेजी लाई जा रही है, जिससे आम जनता का शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में यह भी कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस का सूचना तंत्र और अधिक मजबूत हुआ है। ग्रामीणों को भरोसे में लेकर ज्यादा से ज्यादा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित इलाकों में सेवा दे रहे केंद्रीय और राज्य के सुरक्षा बल के जवानों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई। साथ ही, सुरक्षा बलों के कैंप में जवानों को आवश्यक मूलभूत सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, और ओडिशा राज्यों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने पर भी जोर दिया गया। सीमावर्ती क्षेत्रों में जॉइंट ऑपरेशन चलाकर और संपर्क मार्गों पर सुरक्षा बलों द्वारा सतत निगरानी के निर्देश दिए गए। सीमावर्ती राज्यों के साथ सूचनाओं को साझा किए जाने पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए कि नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में स्थानीय ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।