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पहाड़ी राज्यों में बादल फटने से दर्जनों लोग लापता…

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हिमाचल प्रदेश से लेकर केरल तक, लोग इस समय प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं। बारिश और भूस्खलन के कारण लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।

हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड में बादल फटा: देशभर में इस समय भारी बारिश के कारण व्यापक तबाही मच गई है। उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक बारिश ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी राज्यों में बादल फटने से दर्जनों लोग लापता हो गए हैं और भूस्खलन ने भी इन राज्यों में स्थिति को और खराब कर दिया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश विशेष रूप से कुदरत की भीषण मार झेल रहे हैं।

दिल्ली-एनसीआर में बुधवार (31 जुलाई) की रात हुई भारी बारिश ने जलजमाव की समस्या को बढ़ा दिया है और कई स्थानों पर नुकसान भी हुआ है।

दक्षिण भारत में, केरल के वायनाड क्षेत्र में भयानक भूस्खलन हुआ है। यहां भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

आइए, अब जानें कि किन राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से कितना नुकसान हुआ है और इन आपदाओं से निपटने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में तीन जगह फटे बादल

हिमाचल प्रदेश में तीन जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थिति का जायजा लेने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। शिमला के रामपुर उपमंडल के समाघ खुद (नाला), कुल्लू के मलाणा और मंडी जिले के थलटूखोड़ के पास गांव राजमण में बादल फटने से कई मकान और दुकानें बह गई हैं। इस आपदा में दो लोगों की मौत हो चुकी है और 50 लोग लापता हैं।

मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला के रामपुर में हुई तबाही की स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां पहुंच रहे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और पुलिसकर्मी शामिल हैं। प्रशासन मौके पर लोगों की मदद कर रहा है, और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। मुख्यमंत्री ने सेना को भी अलर्ट रहने को कहा है। हिमाचल प्रदेश में बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री सुक्खू से स्थिति का आकलन करने के लिए बात की और केंद्रीय सहायता और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के समर्थन का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री से संपर्क किया और सरकारी सहायता का भरोसा दिया। बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने जयराम ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष से भी बात की और राहत कार्यों में सभी कार्यकर्ताओं को सक्रिय होने का निर्देश दिया।

हिमाचल प्रदेश में कितना नुकसान हुआ? 

देर रात बादल फटने की घटना ने व्यापक नुकसान किया है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के अनुसार, इस आपदा में वाहनों के लिए बनाए गए चार पुल और पैदल पुल बह गए हैं। सेब की फसल भी बर्बाद हो गई है। मंडी जिले के पधर में थालटूखोद इलाके में कुछ मकान ढह गए हैं और सड़क संपर्क बाधित हो गया है।

मंडी जिला प्रशासन ने भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ से सहायता मांगी है। ब्यास नदी के उफान पर होने के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। कुल्लू के भागीपुल में भी मकानों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आई हैं, और पार्वती नदी तथा मलाना खुद में बाढ़ के कारण कुल्लू के भुंटार इलाके में अलर्ट जारी किया गया है।

मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण टूट गया है, और ब्यास नदी का पानी मंडी के पंडोह में कुछ घरों में घुस गया है। कुछ लोगों के लापता होने की रिपोर्ट भी आई है, साथ ही मकानों और दुकानों के ढह जाने की भी सूचना है।

लोगों की मदद के लिए अधिकारियों को दिया निर्देश: सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें और उफान वाली नदियों और नालों से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। मुख्यमंत्री धामी ने सभी को सतर्क रहने की हिदायत भी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण करेंगे। राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया जा रहा है और स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।

इसके अलावा, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ दर्शन के लिए आए तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे फिलहाल अपनी यात्रा स्थगित कर दें और सुरक्षित स्थान पर रुकें। सोनप्रयाग से आगे के मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित है। भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया है और पहाड़ी से बड़े पत्थर रास्ते में गिर गए हैं।

वायनाड में 200 से ज्यादा लोगों की मौत

वायनाड में हुए भूस्खलन के हादसे में 277 लोगों की मौत हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ितों की खोज जारी है और मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। बचावकर्मी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद तलाश और बचाव अभियान में जुटे हैं, लेकिन मलबे के चलते कई लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है। वे नष्ट हुए घरों और इमारतों में लोगों की खोज कर रहे हैं, लेकिन चारों ओर मलबा होने के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

बचाव कार्यों को तेज करने के लिए मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 190 फुट लंबा ‘बेली ब्रिज’ तैयार किया जा रहा है। इस पुल के गुरुवार तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। रक्षा विभाग के एक जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार, मद्रास इंजीनियर्स ग्रुप की टीम तेजी से पुल का निर्माण कर रही है।

दिल्ली में बुधवार की बारिश का असर गुरुवार को भी देखा गया। जगह-जगह पानी भर गया और लोगों को आईटीओ से कालिंदी कुंज तक भारी जाम का सामना करना पड़ा। प्रमुख इलाकों में यातायात जाम हो गया और सड़कें नदियों जैसी दिखने लगीं, जिससे लोग फंस गए। बारिश के कारण कई जगहों पर दीवारें गिर गईं, जैसे दरियागंज में एक स्कूल की दीवार एक खड़ी कार पर गिर गई, हालांकि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है।

दिल्ली में कहां-कहां हुआ नुकसान और गई जान?

गाजीपुर में 22 वर्षीय तनुजा और उनके तीन वर्षीय बेटे प्रियांश की डूबने से मौत हो गई। गाजीपुर पुलिस के मुताबिक, वे साप्ताहिक बाजार से घरेलू सामान खरीदने के बाद घर लौट रहे थे, जब जलभराव के कारण वे नाले में फिसल गए और डूब गए। यह घटना खोड़ा कॉलोनी क्षेत्र के पास हुई, जहां सड़क किनारे नाले का निर्माण चल रहा था।

भारी बारिश के चलते उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में रॉबिन सिनेमा के पास एक मकान ढह गया, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के वसंत कुंज में भी एक दीवार गिरने से एक महिला घायल हो गई।

दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में जलभराव के कारण चप्पलें सड़कों पर तैरती नजर आईं, जबकि वाहन धीमी गति से चल रहे थे। प्रगति मैदान सुरंग में भी जलभराव के कारण अफरातफरी का माहौल था। आईटीओ चौराहा, धौला कुआं क्षेत्र और हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क पर जलभराव के कारण यातायात जाम हो गया। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भी बारिश का पानी घुस गया, और एक ऑनलाइन साझा की गई तस्वीर में लोग घुटनों तक पानी में बैठे दिखाई दे रहे हैं।

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