आगा मेहदी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि जो अल्पसंख्यक समाज में पीछे रह गए हैं, उनके हाथ को पकड़कर उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए।
आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी लोकसभा भाषण: बजट सत्र के दौरान लोकसभा में सांसद आगा सैयद मेहदी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त को होने वाले NEET परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों को राज्य से बाहर, हजारों किलोमीटर दूर रखा गया है, जो छात्रों के लिए पहुंचना कठिन है। उन्होंने मांग की कि परीक्षा केंद्र स्टूडेंट्स के होम स्टेट में ही रखे जाएं।
इसके अलावा, आगा सैयद मेहदी ने जम्मू-कश्मीर में अकादमिक ईयर के जानबूझकर बदलाव की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पहले विंटर वेकेशन होता था, जिसे बदलकर समर वेकेशन कर दिया गया है, जिससे छात्रों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि जम्मू-कश्मीर के अकादमिक ईयर को वहां के मौसम के हिसाब से रखा जाए ताकि छात्रों को अनुकूल वातावरण मिल सके।
इस वजह से बीजेपी पर कसा तंज
आगा सैयद मेहदी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हर मुद्दे में एक निशान या एक मुल्क वाली बातें लाना ठीक नहीं है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में रोजगार की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई, खासकर PHD धारक जो केवल कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने को मजबूर हैं, और इन्हें नियमित किया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में अल्पसंख्यकों के लिए फंडिंग घटा दी गई है और केंद्र सरकार ने 10 योजनाओं को बंद कर दिया है, जिनका लाभ देश भर के अल्पसंख्यकों को होता था। कई योजनाओं की फंडिंग में 90 प्रतिशत की कमी की गई है। आगा सैयद मेहदी ने कहा कि सरकार ऐसा महसूस करती है कि अल्पसंख्यक समाज को पढ़ाई से दूर रखा जाए और वे अल्पसंख्यकों के खिलाफ जंग लड़ रही हैं। उन्होंने आग्रह किया कि जो अल्पसंख्यक पीछे रह गए हैं, उन्हें समर्थन देकर आगे बढ़ाया जाए।