बांग्लादेश में चल रही हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल को देखते हुए भारत सरकार ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया कि वह बांग्लादेश की स्थिति पर पूरी तरह से नज़र रखे हुए है।
भारत-बांग्लादेश सरकार संकट: बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद की स्थिति पर भारत सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने विपक्षी नेताओं को बताया कि वर्तमान में बांग्लादेश में 12,000 से 13,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं। हालांकि, स्थिति इतनी गंभीर नहीं है कि भारतीय नागरिकों को तत्काल निकाला जाए।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में केंद्र ने जानकारी दी कि बांग्लादेश में हर घटनाक्रम पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और विपक्ष को किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराया जाएगा। करीब 8,000 भारतीय छात्रों को वापस लाया जा चुका है, जबकि बाकी नागरिकों को निकालने की फिलहाल आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार ने शेख हसीना के मामले पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से विपक्ष संतुष्ट है।
सर्वदलीय बैठक में ये नेता हुए शामिल
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने सरकार का पक्ष रखा. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, सपा सांसद रामगोपाल यादव समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए.
जयशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर बताया, सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश की स्थिति पर जानकारी दी. जयशंकर ने इस मामले में विपक्ष से मिले समर्थन की सराहना की है.
बैठक में राहुल ने पूछे ये सवाल
बैठक में राहुल गांधी ने पूछा, क्या बांग्लादेश की स्थिति में विदेशी हाथ है. भारत का इस स्थिति को लेकर क्या कोई लॉन्ग टर्म प्लान है. बांग्लादेश की नई सरकार को लेकर भारत का एक्शन प्लान क्या होगा? बैठक के दौरान अन्य पार्टियों ने भी सवाल किया. हालांकि, विपक्ष ने कहा, हम इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं.