सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई को आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि जब सीबीआई ने पांचवें दिन जांच शुरू की, तब तक घटनास्थल पर बहुत सी चीजें बदल चुकी थीं।
कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने घटना, पोस्टमार्टम और एफआईआर की टाइमलाइन पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट को लेकर भी चिंता व्यक्त की। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बताया कि रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी गई है, लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई को ऐसी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई और घटना के पांचवे दिन तक कई चीजें बदल चुकी थीं।
मेहता ने यह भी कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि एफआईआर अंतिम संस्कार के बाद रात 11:45 बजे दर्ज की गई। कपिल सिब्बल ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि सभी प्रक्रियाओं की वीडियोग्राफी की गई है और सब कुछ ठीक था।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि मृत्यु की जनरल डायरी एंट्री सुबह 10:10 बजे की गई थी, तो घटनास्थल की सुरक्षा और बरामदगी रात 11:30 बजे क्यों की गई? कपिल सिब्बल ने बताया कि पोस्टमार्टम शाम 6 से 7 बजे के बीच किया गया और सभी दस्तावेज सही समय पर दर्ज हैं। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने पूछा कि क्या अननैचुरल डेथ (UD) रिपोर्ट रात 11:20 बजे दर्ज की गई जबकि पोस्टमार्टम पहले ही हो चुका था। सिब्बल ने जवाब दिया कि सभी विवरण और दस्तावेज 11 बजे से पहले सही थे।