कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल और कॉलेज में सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 151 अधिकारी और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे।
आरजी कर मेडिकल अस्पताल में सीआईएसएफ तैनात: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल और कॉलेज में हुए डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है, जिसके बाद अस्पताल परिसर की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 151 अधिकारी और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जा रहे हैं। इनमें एक असिस्टेंट कमांडेंट, तीन इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर, 38 हेड कांस्टेबल, 68 कांस्टेबल समेत अन्य सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे।
CISF के जवान अस्पताल के विभिन्न हिस्सों जैसे रेजिडेंस डॉक्टर हॉस्टल और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। यह कदम 9 अगस्त को हुए उस भयावह घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें एक 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का शव सेमिनार रूम में मिला था। इस घटना में मुख्य आरोपी, जो एक सिविक वॉलिंटियर था, उसे अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने के लिए यह तैनाती सुनिश्चित की जा रही है, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और अस्पताल परिसर में सभी का सुरक्षित माहौल बना रहे।
सैकड़ों सुरक्षाकर्मी कर रहे हड़ताल
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल व कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा और आक्रोश फैल गया है। स्वास्थ्य कर्मी और आम जनता आरोपी के लिए फांसी की सजा की मांग कर रही है। इस घटना ने देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर डाला है, क्योंकि कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षा को लेकर केंद्रीय कानून बनाने की मांग करते हुए हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल के कारण कई अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एक 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करेगी, जो डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इस टीम को तीन सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट और दो महीने के भीतर फाइनल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।