कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले को लेकर चल रहा डॉक्टर्स का प्रदर्शन अब धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। अधिकांश संगठनों ने हड़ताल समाप्त कर दी है।
कोलकाता बलात्कार-हत्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स की पहली बैठक 27 अगस्त को सुबह 11.30 बजे बुलाई गई है, जिसमें 14 एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स को शामिल किया गया है।
टास्क फोर्स की बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब अधिकांश डॉक्टर्स एसोसिएशन अपनी हड़ताल समाप्त करने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर तेजी से कदम उठाए हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सीआईएसएफ को तैनात किया गया है, और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टास्क फोर्स के गठन और पहली बैठक के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है।
टास्क फोर्स की बैठक में किस बात पर होगा मंथन?
टास्क फोर्स में शामिल एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स की राय को महत्व दिया जाएगा, और उनके विचारों के आधार पर डॉक्टर्स की सुरक्षा और कोलकाता मामले पर चर्चा में शामिल लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। डॉक्टर असोसिएशन, मेडिकल असोसिएशन और रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन भी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की सुरक्षा को लेकर अपनी बात रखेंगे और अस्पतालों की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि 14 सदस्यीय टास्क फोर्स को एक्सपर्ट्स की रहने और सचिवीय सहायता सहित साजो-सामान संबंधी मदद प्रदान की जाएगी। मंत्रालय ट्रैवल खर्चे और अन्य खर्चों का भी भुगतान करेगा। टास्क फोर्स का उद्देश्य मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा, कामकाजी परिस्थितियों, कल्याण और अन्य संबंधित मुद्दों पर प्रभावी सिफारिशें तैयार करना है।
टास्क फोर्स में दो प्रमुख एक्सपर्ट्स को नियुक्त किया जाएगा: एक मेडिकल प्रोफेशनल्स के खिलाफ हिंसा रोकने और सुरक्षित वर्किंग कंडीशन के लिए एक्शन प्लान तैयार करेगा, जबकि दूसरे प्रमुख एक्सपर्ट्स की निगरानी में इंटर्न, रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट, डॉक्टर्स, नर्सों और अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार किया जाएगा। टास्क फोर्स को तीन हफ्तों में अंतरिम रिपोर्ट और दो महीनों में फाइनल रिपोर्ट सौंपनी होगी।