पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के बंद के दौरान भारी प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगहों पर पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें भी हुई हैं।
बंगाल बंद: पश्चिम बंगाल में चल रहे बंद के दौरान कोलकाता पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस ने कोलकाता के डीजी के बंगले और पश्चिम बंगाल पुलिस मुख्यालय, भबानी भवन के आसपास भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 लागू कर दी है। इसके तहत, जजेस कोट रोड क्रॉसिंग से बेकर रोड क्रॉसिंग और बेलविदर रोड क्रॉसिंग तक के क्षेत्रों में धारा 163 लागू की गई है। पुलिस कमिश्नर ने आदेश दिया है कि यह धारा 26 अक्टूबर तक, यानी 60 दिनों तक प्रभावी रहेगी।
इस बीच, कोलकाता में रेप-मर्डर मामले को लेकर व्यापक गुस्सा देखने को मिल रहा है। बीजेपी नेताओं ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया है और कई को हिरासत में भी लिया गया है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई जगहों पर झड़पें हुई हैं। बीजेपी ने 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है, जो बुधवार (28 अगस्त) सुबह 6 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई है।
क्यों बुलाया गया बंगाल बंद?
पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले को लेकर मंगलवार को नबन्ना अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत प्रदर्शनकारियों ने राज्य सचिवालय का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। हालात नियंत्रण में न आने पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया। बीजेपी ने इस कार्रवाई के विरोध में बंद का आह्वान किया है।
बंद का असर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है, क्योंकि कई जगहों पर बसों में लोगों की कमी है और अलीपुरद्वार समेत कई जिलों में बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सड़कों पर सामान्य से कम लोग दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, सरकार ने कहा था कि बंद के दौरान किसी भी सार्वजनिक सेवा को बंद नहीं किया जाएगा।