असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मेघालय की एक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, महबाबुल हक, पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने गलत तरीके से ओबीसी सर्टिफिकेट हासिल किया है।
हिमंत बिस्वा सरमा समाचार: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मेघालय के साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर महबाबुल हक पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। इससे पहले भी सरमा ने कई मौकों पर महबाबुल हक को निशाने पर लिया है।
सरमा ने कहा कि राज्य सरकार, मेघालय के इस निजी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के खिलाफ 32 साल पहले असम के करीमगंज जिले से धोखाधड़ी से ओबीसी प्रमाणपत्र हासिल करने के मामले में एफआईआर दर्ज करेगी।
बुधवार, 28 अगस्त को, सरमा ने बताया कि 1992 में महबाबुल हक ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित होने का प्रमाणपत्र प्राप्त किया था। लेकिन उसी साल, एक शिकायत के आधार पर अगस्त 1996 में यह प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया, क्योंकि यह पाया गया कि हक इसके लिए पात्र नहीं थे।
बाढ़ के लिए यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर को ठहराया जिम्मेदार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि करीमगंज के जिला आयुक्त को महबाबुल हक के खिलाफ उसी समय कार्यवाही शुरू करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब, सरकार हक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी। इस महीने की शुरुआत में, सरमा ने यूएसटीएम और इसके मालिक व कुलपति हक को गुवाहाटी में बाढ़ का कारण बताया था। मुख्यमंत्री का दावा है कि संस्थान ने अपने परिसर में पहाड़ियों को नुकसान पहुंचाया, जिससे गुवाहाटी में भारी जलभराव हुआ। यह विश्वविद्यालय शहर के पास एक पहाड़ी पर स्थित है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सरमा ने करीमगंज के जिला कलेक्टर की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि महबाबुल हक ने गलत तरीके से ओबीसी सर्टिफिकेट प्राप्त किया था।