ईडी की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर लगातार कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने नेताओं से लेकर भ्रष्टाचार में शामिल व्यापारियों तक के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
एड रेड समाचार: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार, 30 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में कार्रवाई करते हुए 18 स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी फर्जी रजिस्ट्री से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के केस में की गई। जांच एजेंसी ने दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और असम जैसे पांच राज्यों में रेड की है।
हाल के दिनों में ईडी ने कई नेताओं और व्यापारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में सख्त कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उन कंपनियों पर भी कार्रवाई की गई है जो भ्रष्टाचार में संलिप्त पाई गई हैं। पिछले कुछ सालों में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में वृद्धि के चलते ईडी की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। हालांकि, ईडी की कार्रवाई को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं, विपक्ष का आरोप है कि इसका इस्तेमाल उन्हें परेशान करने के लिए किया जा रहा है।
ईडी के एक्शन पर सवाल उठा चुके हैं विपक्षी नेता
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में एनडीए सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेताओं की साख को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और मल्लिकार्जुन खरगे से ईडी ने लंबी पूछताछ की, जिसका उद्देश्य उनकी छवि खराब करना था। गहलोत ने संजय राउत, हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल, और के कविता जैसे नेताओं के खिलाफ हुई जांच का भी उल्लेख किया।
हालांकि, सरकार ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है। सरकार का कहना है कि वह किसी भी विपक्षी नेता को निशाना बनाने के लिए ईडी की कार्रवाई नहीं करवाती है। उनके अनुसार, ईडी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है, जो भ्रष्टाचार या मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जानकारी मिलने पर निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करती है।