पीएम मोदी ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सीएम भूपेंद्र पटेल से चर्चा की और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी।
गुजरात में गुरुवार को बारिश में कमी आई, जिससे स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन वडोदरा और अन्य प्रभावित इलाकों में अभी भी बाढ़ जैसी परिस्थितियाँ बनी हुई हैं क्योंकि नदियाँ उफान पर हैं। अधिकारी राहत और बचाव अभियान जारी रखे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सीएम भूपेंद्र पटेल से बातचीत की और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बाढ़ के बाद बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
पिछले तीन दिनों में, बुधवार तक, बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 18,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और लगभग 1,200 लोगों को बचाया गया है। कुछ लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
वडोदरा में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, जहां विश्वामित्री नदी का जलस्तर सुबह 37 फुट से घटकर 32 फुट हो गया है। हालांकि, शहर के कई निचले इलाके अभी भी जलमग्न हैं। भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण मंगलवार को विश्वामित्री नदी का जलस्तर 25 फुट के खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया पर बताया कि पीएम मोदी ने लगातार दूसरे दिन उन्हें फोन किया और स्थिति की जानकारी ली। पीएम ने वडोदरा में बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताई और राहत और बचाव के उपायों के बारे में जाना। उन्होंने राज्य के सभी जिलों में राहत कार्यों की जानकारी ली और राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बाढ़ के बाद बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए सफाई के उपाय करने का निर्देश भी दिया।
गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के भाणवड में 24 घंटे में 295 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि कच्छ के अब्दासा में 276 मिमी और कल्याणपुर में 263 मिमी बारिश हुई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि के दौरान गुजरात के 20 तालुका में 100 मिमी से अधिक वर्षा हुई। कच्छ के मांडवी तालुका में सुबह 10 बजे तक चार घंटों में 101 मिमी बारिश दर्ज की गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में बृहस्पतिवार को भारी बारिश की संभावना जताई है।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना, भारतीय वायु सेना, और भारतीय तटरक्षक बल मिलकर वडोदरा, द्वारका, जामनगर, राजकोट और कच्छ जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं।