देश के विभिन्न राज्यों में लगातार हो रही बारिश से स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो चुके हैं, जबकि अन्य बाढ़ का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति ने आम जनता की समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
बारिश की चेतावनी: गुजरात से लेकर आंध्र प्रदेश तक कई राज्यों में भारी बारिश के कारण स्थिति बिगड़ गई है। मूसलाधार बारिश ने सड़कों, नदियों, नालों और निचले इलाकों को पानी से भर दिया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि कई राज्यों में भारी बारिश का असर जारी रहेगा और आने वाले दिनों में राहत की उम्मीद नहीं है। आईएमडी ने कई राज्यों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार (3 सितंबर) से पश्चिम भारत के कई राज्यों में लगभग एक हफ्ते तक बारिश जारी रहेगी। दक्षिण भारत में भी बारिश जारी रहेगी, और पूर्वोत्तर भारत में भी अच्छी खासी बरसात होगी। उत्तर भारत के राज्यों जैसे दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी आगामी हफ्ते में बारिश की संभावना है।
किन राज्यों के लिए जारी हुआ आईएमडी का येलो अलर्ट?
आईएमडी ने बताया है कि गुजरात में 12 सेमी से अधिक बारिश की संभावना है और राज्य में भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। सौराष्ट्र, कच्छ और पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की स्थिति देखने को मिलेगी। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी जोरदार बारिश की उम्मीद है। इन क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में भी भारी बारिश का प्रभाव देखने को मिलेगा। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मध्य महाराष्ट्र, केरल, माहे, तटीय कर्नाटक और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 7 सेमी से अधिक बारिश हो सकती है। तेलंगाना में तेज हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटे) चलने और बिजली गिरने की संभावना है, साथ ही अत्यधिक भारी बारिश भी हो सकती है। अरब सागर में तेज हवाओं के कारण मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को बादल छाए रहेंगे, और येलो अलर्ट के तहत कुछ हिस्सों में तेज बारिश की संभावना है। हवा में ठंडक बनी रहेगी और गरज के साथ बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। ला नीना के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती गतिविधियों की संभावना है, जो पश्चिमी भारत में बारिश को प्रभावित कर सकती है।