देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे लोग अब सख्त कानूनों की मांग कर रहे हैं। इस संदर्भ में, एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
महिलाओं के विरुद्ध अपराध: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई क्रूर घटना के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है और लोग जल्द न्याय की मांग कर रहे हैं। रेप के मामलों में लगातार वृद्धि के कारण महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
इस संदर्भ में, एंटी रेप एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने सरकार से अश्लील फिल्मों पर बैन लगाने की मांग की है और बॉलीवुड को आलोचना का निशाना बनाया है।
योगिता भयाना ने बॉलीवुड पर सवाल उठाते हुए कहा, “मैं इस मुद्दे पर पिछले 17 सालों से काम कर रही हूं, लेकिन बॉलीवुड इसमें योगदान करता है। आइटम नंबर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री इस समस्या को बढ़ावा देती है। आइटम नंबर का क्या उद्देश्य है? यह महिलाओं को एक वस्तु के रूप में प्रस्तुत करता है। मुझे लगता है कि अभिनेत्रियों को भी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और इन प्रदर्शनों का विरोध करना चाहिए। बिना आइटम नंबर के भी कई सफल फिल्में हैं। इन प्रदर्शनों का समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।”
अपराधियों की फोन से मिलती हैं अश्लील फिल्में
योगिता भयाना ने आगे कहा, “इस तरह के मामलों में गिरफ्तार अपराधियों के पास से जो फोन बरामद होते हैं, उनमें अक्सर अश्लील फिल्में पाई जाती हैं। ये अपराधी इन फिल्मों को देखकर ऐसी घिनौनी हरकतें करते हैं।”
उन्होंने सरकार से मांग की कि देश में अश्लील फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उनका कहना था कि ऐसे मामलों में 80 प्रतिशत अपराधियों के फोन से अश्लील सामग्री मिलती है, और अगर सरकार इस पर बैन लगा देती है, तो इससे 50 प्रतिशत तक मामलों में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि लोगों की सोच को बदलने और उन्हें समझाने में समय लगेगा, लेकिन सरकार के इस कदम से स्थिति में सुधार हो सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सोच पिछड़ी नहीं है, लेकिन हमारा समाज अभी भी इतना खुला नहीं है और इस तरह के बदलाव में समय लगेगा।