दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों की रिहाई में हो रही देरी को लेकर सवाल उठाया है, खासकर जब आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। यह सवाल हरप्रीत सिंह नाम के एक कैदी की याचिका पर सुनवाई के दौरान उठाया गया।
कैदियों की रिहाई में देरी पर सुप्रीम कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल में मौजूदगी के चलते कैदियों की रिहाई में हो रही देरी पर चिंता जताई है। कोर्ट ने हरप्रीत सिंह नामक कैदी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया कि क्या कोई ऐसा नियम है जो कहता है कि जेल में होने के कारण मुख्यमंत्री सजा में छूट की फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते।
हरप्रीत सिंह की रिहाई की अर्जी मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के बिना लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने ASG (अडिशनल सॉलिसिटर जनरल) ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि क्या इस स्थिति के लिए कोई विशेष नियम है। ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि इससे पहले कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई और उन्होंने कोर्ट को उचित निर्देश प्राप्त कर सूचित करने का आश्वासन दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
जस्टिस ओक ने कहा कि यह मामला केवल एक केस तक सीमित नहीं है; यह समस्या अन्य मामलों में भी उठ सकती है। व्यक्तिगत आजादी से जुड़े मामलों को लम्बित नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर इस पर स्पष्ट रुख नहीं पेश किया गया, तो कोर्ट को आर्टिकल 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करना पड़ सकता है। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है। पहले ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने उन्हें पुनः गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ कर रही है।