आंध्र प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिले का दौरा करते समय अचानक एक तेज रफ्तार ट्रेन रेलवे ट्रैक पर से उनके पास से गुजरी। हालांकि, इस घटना में उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।
आंध्र प्रदेश बाढ़: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का प्रमुख प्रोजेक्ट अमरावती इस समय बाढ़ और मूसलाधार बारिश से जूझ रहा है। भारी बारिश के चलते शहर के निचले इलाकों में सबसे पहले बाढ़ का पानी भर गया। मुख्यमंत्री ने खुद स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू किया। वे बाढ़-ग्रस्त मधुरानगर में बुडामेरु क्षेत्र में रेलवे ब्रिज पर चल रहे थे, तभी अचानक एक तेज रफ्तार ट्रेन उनके पास से गुजर गई।
ट्रेन इतनी करीब से गुज़री कि आस-पास के लोगों को चिंता हो गई कि कहीं सीएम को कोई नुकसान न हो जाए। लेकिन, सौभाग्यवश, मुख्यमंत्री को कोई चोट नहीं आई। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मुख्यमंत्री की प्राथमिकता फिलहाल बाढ़ प्रभावित जनता और उनकी सुरक्षा पर केंद्रित है। उनके साथ कई अधिकारी और एनएसजी कमांडो भी मौजूद थे, और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
…तो इस वजह से इतने एक्टिव हुए चंद्रबाबू नायडू?
आंध्र प्रदेश में बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सक्रियता के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बाढ़ सीएम नायडू के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो सकती है, खासकर जब वह अमरावती को राज्य की राजधानी के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे ही बाढ़ आई, शहर के निचले इलाके पहले ही पानी में डूब गए, जिससे स्थिति को संभालने के लिए सीएम को खुद ग्राउंड पर उतरना पड़ा। वे न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस की निगरानी कर रहे हैं, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में नाव से लोगों तक भी पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ के संकट से निपटने के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों की स्थिति की जानकारी लें और सहायता करें। सीएम नायडू ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक मदद प्रदान करें। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री नायडू से बात की और राज्य को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जब तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) विपक्ष में रहते हुए बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर सकती है, तो सत्ता में रहते हुए ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता। उन्होंने सभी विधायकों और सांसदों को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों को हर संभव मदद प्रदान करें। उनका मानना है कि यदि उनकी सरकार विपत्ति के समय अच्छे कार्य करेगी, तो इससे लोगों में उनके प्रति सकारात्मक धारणा बनेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से आंध्र प्रदेश की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाढ़ राहत और बचाव के प्रयासों के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है, और एक केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी दल जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा। यह टीम मौके पर जाकर नुकसान का आकलन करेगी.
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 26 टीमों, भारतीय वायुसेना के आठ हेलीकॉप्टरों, भारतीय नौसेना के तीन हेलीकॉप्टरों और एक डोर्नियर विमान को आंध्र प्रदेश में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की टीम ने अब तक आंध्र प्रदेश में 350 लोगों को बचाया है और लगभग 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, जबकि तेलंगाना में 68 लोगों को बचाया गया है और लगभग 3,200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।