कोलकाता के रेप और मर्डर केस के खिलाफ हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने ममता सरकार से नाराजगी जताई है, खासकर प्रतिनिधियों की संख्या कम करने को लेकर।
कोलकाता बलात्कार हत्याकांड: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर देशभर में गुस्सा फैल गया है। जूनियर डॉक्टरों और अन्य प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रही है।
बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल भी जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं और ममता बनर्जी तथा तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा।
जूनियर डॉक्टरों के विरोध में, वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा प्रतिनिधियों की संख्या सीमित किए जाने से वे नाखुश हैं। पहले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हड़ताल खत्म करने के बाद, ममता बनर्जी ने खुशी जताई थी और कहा था कि वह डॉक्टरों से बातचीत के लिए तैयार हैं और प्रतिनिधियों या उनके समूह से मिल सकती हैं।
पीड़िता के माता-पिता से मिले राज्यपाल
बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें इस मामले में शीघ्र न्याय और दोषियों को सख्त सजा देने का आश्वासन दिया है।
कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बुधवार (11 सितंबर) को जांच समिति की बैठक होने वाली है। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने मंगलवार (10 सितंबर) को पांच छात्रों को निलंबित कर दिया, जिसे विपक्षी दलों ने बंगाल में अराजकता का सबूत बताया है।
निलंबित डॉक्टर बिरुपाखा बिस्वास पर मुर्शिदाबाद के एक परिवार से मेडिकल कोर्स में प्रवेश दिलाने के नाम पर पैसे लेने का आरोप है। परिवार ने दावा किया कि उन्होंने डॉक्टर बिस्वास को आठ लाख रुपये दिए थे और इस मामले की शिकायत जालंगी थाने में दर्ज कराई गई है।