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मणिपुर में हिंसा के बीच किसने कर दी ये डिमांड…

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हालिया हिंसा में कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हिंसा संदिग्ध कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हो रही है।

मणिपुर में सीआरपीएफ बटालियन की तैनाती: मणिपुर में हालिया हिंसा के बीच, केंद्र ने मंगलवार, 10 सितंबर को दो अतिरिक्त CRPF बटालियन तैनात करने का आदेश दिया है। इन बटालियनों की कुल संख्या लगभग 2,000 कर्मियों की होगी। यह जानकारी टेलीग्राफ अखबार ने सूत्रों के हवाले से दी है।

वहीं, 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख रहे जनरल वेद मलिक ने मणिपुर में हो रही हिंसा को देखते हुए राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता की बात की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “मणिपुर की स्थिति राष्ट्रपति शासन और राज्यपाल के तहत एक प्रभावी यूनिफाइड कमांड की मांग करती है।”

हालिया हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हिंसा मुख्य रूप से संदिग्ध कुकी उग्रवादियों और मैतेई गांव के स्वयंसेवकों के बीच हो रही है। पिछले एक हफ्ते में ड्रोन और रॉकेट हमलों की अप्रत्याशित घटनाओं के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। मई 2023 में शुरू हुई मणिपुर की जातीय हिंसा में अब तक कम से कम 234 लोग मारे जा चुके हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने अखबार को बताया कि एक नई बटालियन कांगवाई (चुराचांदपुर) में और दूसरी इंफाल के आसपास तैनात की जाएगी। बटालियन नंबर 58 को तेलंगाना के वारंगल से और बटालियन नंबर 112 को झारखंड के लातेहार से मणिपुर भेजा जा रहा है।

मणिपुर में बटालियन की तैनाती

हाल ही में, मणिपुर से दो असम राइफल्स बटालियन को जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में ऑपरेशनल ड्यूटी से हटा लिया गया है। वर्तमान में मणिपुर में हिंसा के शुरू होने के बाद से CRPF की 16 बटालियन पहले से तैनात हैं। हिंसा से पहले मणिपुर में लगभग 10-11 CRPF बटालियन तैनात थीं। एक CRPF बटालियन में लगभग 1,000 कर्मियों की ऑपरेशनल क्षमता होती है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, “मणिपुर में CRPF की अहम भूमिका होगी, क्योंकि हिंसा के बाद बल की नई इकाइयों को राज्य में भेजा गया है। दो अतिरिक्त बटालियन की तैनाती का उद्देश्य बल को और भी मजबूत करना है।” इन नई बटालियनों के कर्मियों ने आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी की ट्रेनिंग ली है और उन्हें लॉजिस्टिक, आवास, उपकरण और एंटी-ड्रोन तकनीक का समर्थन मिलेगा।

इसके अलावा, सूत्रों के अनुसार, CRPF, BSF और कुछ स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों की एक संयुक्त टीम इस सप्ताह के अंत में मणिपुर पहुंचेगी। यह टीम ड्रोन और अस्थायी रॉकेट्स का “विश्लेषणात्मक अध्ययन” करेगी, जो हाल ही में राज्य के कुछ इलाकों में हमलों में इस्तेमाल किए गए हैं। BSF के पास एक फॉरेंसिक लैब है जो पाकिस्तान सीमा से आने वाले ड्रोन का विश्लेषण करती है। वर्तमान में मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह यूनिफाइड कमांड का नेतृत्व कर रहे हैं, जो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और संबंधित मुद्दों की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए योजनाएं बनाते हैं।

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