जूनियर डॉक्टरों के एक समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वकील ने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस ने सीबीआई को केवल 27 मिनट की फुटेज सौंपी। वकील के अनुसार, यह ऐसा संकेत देता है जैसे कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है।
कोलकाता बलात्कार-हत्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप-मर्डर केस की सीबीआई जांच पर संतोष व्यक्त किया है। अदालत ने कहा कि सीबीआई मामले की गहराई से जांच कर रही है, और उसे जांच पूरी करने के लिए समय दिया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट को सूचित किया कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, जूनियर डॉक्टरों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि हड़ताल समाप्त करने का अंतिम निर्णय उनकी जनरल बॉडी मीटिंग में लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है और उसने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी, जो 17 सितंबर (मंगलवार) को प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट की समीक्षा के बाद चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने वकीलों से कहा, “हम स्टेटस रिपोर्ट के तथ्य साझा नहीं कर सकते, लेकिन यह स्पष्ट है कि सीबीआई पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। एसएचओ की गिरफ्तारी की गई है और अन्य लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। हम एक हफ्ते में नतीजों की उम्मीद नहीं कर सकते।”
हमें CBI को देना होगा समय- CJI
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हमें सीबीआई को जांच के लिए समय देना होगा।” तीन जजों की बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि सीबीआई की जांच टीम पीड़िता के माता-पिता से मिले और उन्हें जांच से जुड़ी जरूरी जानकारी दे। साथ ही, घटना के बारे में उनके द्वारा उठाए गए सवालों की भी जांच की जाए। जूनियर डॉक्टरों के वकील ने अदालत को बताया कि घटनास्थल पर कई ऐसे लोग मौजूद थे जिनका इस मामले से कोई संबंध नहीं था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि उन लोगों के नाम सीलबंद लिफाफे में सीबीआई को सौंपे जाएं।
वकील ने यह भी आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस ने सीबीआई को केवल 27 मिनट की फुटेज सौंपी, जिससे यह आभास होता है कि कुछ छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पीड़िता की जीन्स और कुछ अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजी गईं। इस पर चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की, “सीबीआई की रिपोर्ट में दी गई जानकारी काफी चिंताजनक है। सीबीआई को कोलकाता पुलिस को समन भेजकर पूरी फुटेज मंगवानी चाहिए।”
काम पर लौटने का फैसला जनरल बॉडी मीटिंग लेगी
पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जूनियर डॉक्टरों और मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक में किए गए समझौते का पालन किया जाएगा। अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, और डॉक्टरों के काम और आराम की जगहों पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, काम पर लौटने वाले डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जूनियर डॉक्टरों के लिए पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि डॉक्टरों की वापसी का फैसला जनरल बॉडी मीटिंग में लिया जाएगा।
“यह राजनीतिक मंच नहीं है” – सीजेआई चंद्रचूड़
पश्चिम बंगाल सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग बंद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि लाइव प्रसारण देखकर लोग सोशल मीडिया पर उनके बारे में गलत टिप्पणी कर रहे हैं, जिससे ऐसा आभास हो रहा है कि वह किसी बलात्कारी की पैरवी कर रहे हैं। हालांकि, चीफ जस्टिस ने लाइव स्ट्रीमिंग बंद करने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान जोर-जोर से बोल रहे एक वकील को भी चीफ जस्टिस ने फटकार लगाते हुए कहा, “यह राजनीतिक मंच नहीं है। अगर आप चाहते हैं कि कोर्ट मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने को कहे, तो ऐसा नहीं हो सकता। यह कोर्ट का काम नहीं है।”