जगतगुरु शंकराचार्य प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने तिरुमाला वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में मिलावटी प्रसाद के मामले को लेकर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर तीखा हमला किया है।
तिरूपति मंदिर पर राजनीति: जगतगुरु शंकराचार्य प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज तिरुमाला वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद में मिलावट के मामले पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सहित अन्य दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा, “प्रसाद केवल भोजन नहीं है, यह धार्मिक आस्था का प्रतीक है। इस मामले में हिंदू धर्म और उसकी मान्यताओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। यह सनातन धर्म को नष्ट करने की साजिश है, जिसे हम किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। यह सनातन धर्म की अस्मिता पर हमला है।”
जगन मोहन रेड्डी पर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर निशाना साधते हुए शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि वे ईसाई धर्म के लिए काम कर रहे हैं और राहुल गांधी व सोनिया गांधी के प्रभाव में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। शंकराचार्य ने यह भी कहा कि सनातन धर्म को नष्ट करने के लिए एक बड़ी साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का समय आ गया है और यदि इसके लिए संघर्ष करना पड़े, तो पीछे नहीं हटना चाहिए।
‘सनातन धर्म को खत्म करने की साजिश’
जगतगुरु शंकराचार्य प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि बांग्लादेश से प्रभावित मुसलमान और यहां के शासक मिलकर सनातन धर्म को इस्लामी ताकतों से खत्म करना चाहते हैं। साथ ही, उन्होंने ईसाई शक्तियों पर भी देश में धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया। उन्होंने तिरुमाला मंदिर में एक ईसाई को अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध किया और कहा कि उस समय सभी हिंदू समुदाय को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए था।
सनातन बोर्ड की मांग
शंकराचार्य ने सनातन बोर्ड बनाने की मांग करते हुए कहा कि मंदिरों को इस बोर्ड के अधीन लाना चाहिए और सरकारों को मंदिरों से दूर रखना चाहिए। उन्होंने प्रसाद में मिलावट को षड्यंत्र और अपराध करार दिया और कहा कि करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ हुआ है। जगन मोहन रेड्डी सहित अन्य दोषियों को जनता के सामने लाया जाना चाहिए, ताकि सनातन धर्मी उन्हें सजा दे सकें। उन्होंने मंदिर का शुद्धिकरण करने की बात पर जोर दिया और कहा कि मंदिर से सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, और पुजारियों को हटाकर शुद्धिकरण किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने तुरंत सनातन धर्म रक्षण बोर्ड के गठन की मांग की, ताकि वेदों पर आधारित धर्म को मानने वाले ही मंदिर का संचालन कर सकें।