जाकिर नाइक ने कहा कि विलियम कैंबेल की किताब में बाइबल का बचाव करने के अलावा, कुरान में लगभग 38 वैज्ञानिक त्रुटियों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने दावा किया कि इन सवालों का जवाब देने में 7-8 साल तक किसी मुस्लिम ने दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन बाद में उन्होंने उन सवालों का उत्तर दिया।
इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने 24 साल पुरानी अपनी एक डिबेट पर चर्चा करते हुए कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता विलियम कैंबेल उनके सबसे बुद्धिमान प्रतिस्पर्धी हैं। उन्होंने हिंदू धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर के बारे में भी बात की, बताते हुए कहा कि जब उनकी डिबेट हुई थी, तब रविशंकर बहुत प्रसिद्ध थे और उनके सतसंग में 2-3 लाख लोग आते थे।
एक यूट्यूब चैनल पर नाइक से 2000 के दशक की डिबेट के बारे में सवाल किया गया। उन्होंने कहा कि उस समय श्री श्री रविशंकर हिंदू धर्मगुरुओं में सबसे प्रमुख थे, हालांकि अब उनकी पॉपुलैरिटी कम हो गई है। जाकिर नाइक ने कहा कि जबकि रविशंकर बहुत पॉपुलर थे, वे सबसे बुद्धिमान नहीं थे।
कैंबेल की बात करते हुए नाइक ने कहा कि वे एक अच्छे वक्ता नहीं थे, लेकिन उन्होंने डिबेट के लिए अच्छी तरह से शोध किया था। उन्होंने उल्लेख किया कि मौरिस बुकेल की किताब “द कुरान एंड मॉडर्न साइंस” पर कैंबेल ने “द कुरान एंड बाइबल इन द लाइट ऑफ साइंस” लिखा। नाइक ने कहा कि कैंबेल ने जो बातें कुरान के बारे में कहीं, वे विज्ञान की जानकारी रखने वाले किसी व्यक्ति द्वारा सही मानी जा सकती थीं। उन्होंने बताया कि कैंबेल की किताब पर 7-8 साल तक किसी ने जवाब नहीं दिया, लेकिन जब नाइक ने डिबेट में उत्तर दिया, तो सऊदी अरब के एक डॉक्टर उससे बहुत प्रभावित हुए।
जाकिर नाइक ने बताया कि एक बार सऊदी अरब के रियाद में उन्हें एक सऊदी डॉक्टर मिला, जिसने कहा कि वह नाइक से मिलने के लिए काफी समय से उत्सुक था। डॉक्टर ने नाइक की विलियम कैंबेल के साथ की डिबेट देखी थी और उसे सुनकर खुश हुआ।
नाइक ने कहा कि डॉक्टर ने बताया, “मेरा मिजाज ऐसा है कि मैं अहमद दीदात का फैन था, लेकिन मैं उनके वीडियो डिबेट एकसाथ नहीं देख पाता था। एक बार मेरे दोस्त ने आपकी कैंबेल के साथ की डिबेट का वीडियो चलाया।”
डॉक्टर ने कहा कि पहले आधे घंटे में कैंबेल कुरान की खामियां बता रहा था, जिस पर डॉक्टर को लगा कि यह जानकारी उसने किसी मेडिकल किताब में पढ़ी है। जब नाइक मंच पर आए, तो डॉक्टर ने सोचा कि कैंबेल ने इतनी सारी गलतियां निकाली हैं, लेकिन जवाब देने के लिए यह कौन है—डॉ. जाकिर नाइक। उस समय नाइक इतना प्रसिद्ध नहीं थे, इसलिए डॉक्टर उन्हें नहीं जानता था। लेकिन बाद में जब डॉक्टर ने नाइक के उत्तर सुने, तो वह बहुत खुश हो गया।
जाकिर नाइक ने कहा कि एक सऊदी डॉक्टर ने स्वीकार किया कि उसके पास विलियम कैंबेल की आलोचनाओं का कोई जवाब नहीं था। उन्होंने बताया कि आम मुसलमान अक्सर कैंबेल की बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि उनका विश्वास है कि कुरान में कोई गलती नहीं हो सकती। हालांकि, कैंबेल की जो आलोचनाएँ थीं, वे वैज्ञानिक ज्ञान रखने वाले लोगों के लिए चिंताजनक थीं। इसीलिए, कोई भी मुसलमान 7-8 साल तक उनके उत्तर देने नहीं आया।
नाइक ने यह भी बताया कि कैंबेल की किताब में बाइबल का बचाव करने के साथ-साथ कुरान में लगभग 38 वैज्ञानिक गलतियों का उल्लेख किया गया था, जो अमेरिका, कनाडा और अन्य पश्चिमी देशों में काफी लोकप्रिय हो गई। जब 7-8 साल तक किसी मुस्लिम ने इसका जवाब नहीं दिया, तो उन्हें अमेरिका और कनाडा से इस पर बहस करने का आमंत्रण मिला।
उन्होंने कहा कि यह किताब 90 के दशक में लिखी गई थी, और उन्हें 1997 में इसके जवाब देने के लिए आमंत्रित किया गया। 1998 में एक डिबेट की योजना बनाई गई, लेकिन वह 2000 में शिकागो में आयोजित हुई।