दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि नई मुख्यमंत्री ने पद ग्रहण कर लिया है, जिससे अब कैदियों की रिहाई से संबंधित फाइलों का निपटारा जल्द किया जाएगा।
दिल्ली समाचार: सुप्रीम कोर्ट में आज कैदियों की रिहाई में देरी को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें दिल्ली सरकार ने बताया कि नई मुख्यमंत्री ने पद संभाल लिया है और अब कैदियों की रिहाई से जुड़ी फाइलों का जल्द निपटारा किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 18 अक्टूबर के लिए टाल दिया। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नाराजगी जताई थी कि सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल में रहने के कारण सज़ा माफी से जुड़ी फाइलों पर उनके दस्तखत नहीं हो पा रहे थे।
जानें क्या है पूरा मामला
हरप्रीत सिंह नाम के एक कैदी की रिहाई में देरी का कारण यह था कि जेल में बंद होने के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अर्जी पर हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से कैदी की रिहाई काफी समय से लंबित थी, जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इस मामले की सुनवाई 6 सितंबर को हुई थी, जहां सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा था कि क्या इन फाइलों पर साइन करने में कोई रोक है। उन्होंने कहा था कि ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं बनी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला केवल एक कैदी तक सीमित नहीं है और अन्य मामलों में भी ऐसे ही सवाल उठ सकते हैं। कोर्ट ने व्यक्तिगत आजादी से जुड़े मामलों को लंबित नहीं रखने की बात की।
इस बीच, आबकारी मामले में जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, और आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनी हैं।