हिमाचल प्रदेश के शहरी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के आदेश से हंगामा खड़ा हो गया है। उन्होंने होटल, स्ट्रीट वैंडर्स और रेहड़ी-फहड़ी वालों को प्रदेश में नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया है। इस आदेश के बाद विभिन्न वर्गों में प्रतिक्रिया और बहस चल रही है।
हिमाचल प्रदेश समाचार: संजौली मस्जिद विवाद और स्ट्रीट वैंडर नीति को लेकर हिमाचल प्रदेश में मंथन जारी है। इसी बीच, शहरी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एक आदेश जारी किया, जिसमें होटल, स्ट्रीट वैंडर्स, और रेहड़ी-फहड़ी वालों को प्रदेश में नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश ने विवाद को जन्म दे दिया है, और कांग्रेस नेतृत्व ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह को ‘यूपी मॉडल’ वाले बयान पर फटकार लगाई है।
जानकारी के अनुसार, मंत्री सिंह की टिप्पणियों से कांग्रेस नेतृत्व असहज महसूस कर रहा है, और उनके बयान पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की भी नजर है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह को फटकार लगाते हुए सीएम सुक्खू को भी नसीहत दी है।
सफाई में कही गई ये बात
जानकारी के अनुसार, सीएम और मंत्री ने सफाई दी है कि रेहड़ी पटरी वालों को नियमित करने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि हिमाचल की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि खराब गुणवत्ता और अन्य शिकायतों के कारण राज्य की छवि पर असर पड़ता है, और लंबे समय से रेहड़ी की दुकानों को नियमित करने की मांग की जा रही थी। कांग्रेस नेतृत्व ने निर्देश दिया है कि कोई भी निर्णय संविधान और कानून के अनुसार होना चाहिए, और इस बात का ध्यान रखा जाए कि इससे किसी के साथ भेदभाव या उत्पीड़न न हो।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व के सामने विक्रमादित्य सिंह ने स्वीकार किया कि ‘हिमाचल में नेम प्लेट से जुड़े फैसले को यूपी जैसा’ कहने का बयान उचित नहीं था। उन्हें अपने बयान में सुधार करने के लिए निर्देशित किया गया है। विक्रमादित्य के पिछले बयान के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेताओं ने भी पार्टी नेतृत्व से हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
नहीं किया जाएगा प्रदेश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता
हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राज्य सरकार द्वारा भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर शांतिपूर्ण माहौल बनाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका ने कहा है कि समय-समय पर टाउन वेंडिंग कमेटियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर लोग रोजगार की तलाश में हिमाचल आते हैं, तो उनका स्वागत है, लेकिन राज्य में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना भी उनकी प्राथमिकता है।
मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखना आवश्यक है, और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि विक्रेताओं की पहचान की जाएगी, चाहे वे हिमाचल के हों या बाहर के। विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने भी कहा कि इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता शामिल होंगे, ताकि रेहड़ी-पटरी के स्थायी समाधान पर काम किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।