0 0
0 0
Breaking News

सड़कों पर किसानों का चक्का जाम…

0 0
Read Time:5 Minute, 17 Second

शनिवार (26 अक्टूबर) को राज्य सरकार के खिलाफ एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन (BKU) पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल ने बताया कि किसान चार प्रमुख स्थानों पर एक बजे से चक्का जाम करेंगे।

किसानों का विरोध: पंजाब में किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। शनिवार (26 अक्टूबर) को वे राज्य सरकार के खिलाफ एक दिन का विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं, जिसमें वे धान की समय पर खरीद सहित विभिन्न मांगों को लेकर सड़कें जाम करेंगे। भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल ने जानकारी दी कि किसान पंजाब के चार प्रमुख स्थानों पर दोपहर 1 बजे से चक्का जाम करेंगे।

सुरजीत सिंह फुल ने बताया कि प्रदर्शन संगरूर और मोगा जिलों के अलावा फगवाड़ा और बटाला में भी होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो यह एक दिवसीय धरना अनिश्चितकालीन प्रदर्शन में बदल सकता है।

किसान नेता ने बताया कि मुख्य रूप से यह प्रदर्शन धान खरीद में देरी के खिलाफ किया जा रहा है। इस बार धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी, जिसमें पहले 15 दिनों में पंजाब के अनाज बाजारों में 11.10 लाख टन धान पहुंचा है, लेकिन खरीद एजेंसियों ने केवल 10% धान ही उठाया है। इस स्थिति को उन्होंने धान की बंपर फसल की धीमी खरीद के रूप में वर्णित किया।

धान की धीमी गति से हो रही है खरीदी 

शुक्रवार (25 अक्टूबर) को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले किसानों ने पंजाब के विभिन्न स्थानों पर सड़कें जाम कीं। उनका आरोप है कि धान की धीमी गति से खरीद के कारण यह प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बनी, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

लुधियाना में किसानों ने समराला, खन्ना, दोराहा, माछीवाड़ा, जगराओं, मुल्लांपुर और रायकोट जैसे स्थानों पर धरना दिया।

SKM नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और बीजेपी नीत केंद्र सरकार दोनों इस गड़बड़ी के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि किसानों और राज्य की अर्थव्यवस्था की कीमत पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जाना चाहिए, बल्कि समस्याओं का समाधान ढूंढना चाहिए।

पराली जलाने के मुद्दे बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कह दी बड़ी बात

पंजाब में धान खरीद में देरी के मुद्दे पर दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, खाद्य राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाग लिया। इस बैठक में धान खरीद के त्वरित समाधान पर चर्चा की गई।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पराली जलाने के मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार को किसानों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें पराली के मामले में क्या कदम उठाने चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, और हरियाणा में यदि कोई किसान पराली जलाता है, तो उसकी उपज दो साल तक बाजारों में नहीं बिकेगी।

टिकैत ने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा, “मुझे ऐसी तकनीक बताएं जिससे बिना पराली जलाए गेहूं उगाया जा सके।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाल ही में पंजाब के किसानों ने सरकार से पराली जलाने का स्थायी समाधान निकालने का अनुरोध किया था और यह भी कहा कि पराली जलाना उनकी मजबूरी है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *