केरल में हुए भू-स्खलन में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई। हालांकि, इस मुश्किल घड़ी में स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे का समर्थन किया और साहस के साथ सभी की सहायता के लिए आगे आए।
वायनाड उपचुनाव: केरल के वायनाड में एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस की उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक भावुक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि उनके पिता राजीव गांधी की हत्या के कुछ महीने बाद मदर टेरेसा उनके घर आई थीं और उन्हें बेसहारा लोगों के लिए काम करने का आग्रह किया था।
प्रियंका गांधी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे यहां आकर बहुत खुशी मिली है।” उन्होंने बताया कि हाल ही में जब वे अपना नामांकन पत्र दाखिल करने आई थीं, तो उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की। एक सैनिक ने उन्हें बताया कि उसकी मां उनसे मिलना चाहती थीं, लेकिन वह चलने में असमर्थ थीं। प्रियंका उनके घर गईं, जहां उस व्यक्ति ने उन्हें अपनी बच्ची की तरह गले लगाया।
उन्होंने आगे कहा, “मैं आप लोगों को बता नहीं सकती कि मुझे उनमें और अपनी मां में कोई अंतर महसूस नहीं हुआ। मुझे लगा कि मेरी मां यहीं वायनाड में मेरे साथ है।”
मदर टेरेसा से प्रेरित होकर मैंने उनके साथ का किया काम
प्रियंका गांधी ने कहा, “जब मदर टेरेसा मेरे पास आई थीं, तब मेरे पिता की मौत के छह या सात महीने बीत चुके थे। उस समय मुझे बुखार था और मैं अपने कमरे से बाहर नहीं जा पाई थी। वह खुद मेरे कमरे में आईं, मेरे सिर पर हाथ रखा और फिर मेरा हाथ पकड़कर मुझे एक गुलाब का फूल दिया। इसके बाद उन्होंने मुझसे उनके साथ काम करने के लिए कहा। लगभग 5-6 साल बाद, मैंने अपनी बहनों के साथ उनके साथ काम करना शुरू किया। मेरा काम बच्चों को पढ़ाना, बाथरूम साफ करना और खाना बनाना था। इस अनुभव के जरिए मैंने सेवा का असली मतलब समझा।
उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि वायनाड में भूस्खलन के दौरान कैसे सभी समुदायों ने एक-दूसरे की मदद की। आप सभी ने सबकी सहायता की, और यह देखकर मुझे गर्व है कि आप साहसी लोग हैं।”
इससे पहले, राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी की तारीफ करते हुए कहा था कि मेरे पिता के निधन के बाद, मेरी बहन ने मेरी मां का ख्याल रखा। आज मेरी मां यहां बैठी हैं। पापा के निधन के समय प्रियंका केवल 17 साल की थीं, और उस समय मेरी बहन ने मां को संभाला।