दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है और दिल्ली सरकार से अगले साल तक पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगाने के संबंध में जवाब मांगा है।
वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (04 नवंबर) को दिल्ली सरकार और पुलिस से दिवाली के दौरान पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध पर “तत्काल” प्रतिक्रिया मांगी है। हर साल इस प्रतिबंध की घोषणा की जाती है, लेकिन इसे नजरअंदाज किया जाता है, जिससे त्योहार के बाद कई दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में जहरीली हवा की स्थिति बनी रहती है।
सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने दिल्ली में बैन के बावजूद पटाखे जलाए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि अगले साल से इस प्रतिबंध का सख्त पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। एमिकस क्यूरी ने जानकारी दी कि दिवाली के दिन पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। कोर्ट ने इस पर पंजाब और हरियाणा से जवाब मांगा और पंजाब की अतिरिक्त फंड की मांग पर 2 सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया।
‘अदालत के आदेश का उल्लंघन ने होने पाए’
दिल्ली में पटाखों पर रोक को पूरी तरह से लागू करने के संबंध में दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा गया है। अदालत ने पूछा कि वे अगले साल से इस प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाएंगे। कोर्ट ने कहा कि हमें कुछ ऐसा करना होगा ताकि अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के अदालती आदेश का उल्लंघन न हो। इसके अलावा, कोर्ट ने शादी और चुनाव जैसे अवसरों पर भी आतिशबाजी पर रोक लगाने पर विचार करने का संकेत दिया।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, “ऐसी व्यापक खबरें हैं कि दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध बिल्कुल भी लागू नहीं किया गया। यह प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता था।”
अदालत ने दिल्ली सरकार से सवाल किया, “(पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का) आदेश क्या है? इसे कैसे लागू किया जा रहा है? कुछ तो करना ही होगा।” साथ ही, सरकार को “कम से कम अगले साल के लिए” एक तंत्र बनाने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 2025 में दिल्ली वायु प्रदूषण से प्रभावित न हो।