सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों में आरोपी गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर दखल देने से इनकार कर दिया, हालांकि उसने दिल्ली हाई कोर्ट से इस मामले की जल्दी सुनवाई करने का अनुरोध किया।
2020 दिल्ली दंगे: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की आरोपी गुलफिशा फातिमा को जमानत देने से इनकार कर दिया, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट से उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया। जस्टिस बेला त्रिवेदी और एस.सी. शर्मा की बेंच ने कहा कि मामला हाई कोर्ट में लंबित है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा।
गुलफिशा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि वह पिछले चार साल से जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका काफी समय से हाई कोर्ट में लंबित है। जजों ने बताया कि 25 नवंबर को यह मामला हाई कोर्ट में सूचीबद्ध है और याचिकाकर्ता के वकील उस दिन सुनवाई का आग्रह कर सकते हैं।
दिल्ली दंगों के संदर्भ में गुलफिशा का आरोप
छात्र नेता गुलफिशा फातिमा फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों की साजिश के आरोप में जेल में हैं। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि उन्होंने गलत सूचनाएं फैला कर लोगों को उकसाने और दंगों की साजिश से जुड़ी गुप्त बैठकों में भाग लेने की भूमिका निभाई। 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों के एक अन्य आरोपी शरजिल इमाम के मामले में भी इसी प्रकार का आदेश दिया था।
दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इन दंगों के संबंध में पुलिस का कहना है कि साजिशकर्ताओं ने जानबूझकर अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान दंगे भड़काए ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल किया जा सके। इन दंगों ने दिल्ली की स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया और राष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बन गए थे।