0 0
0 0
Breaking News

अमेरिका के साथ रिश्तों पर क्या बोले एस. जयशंकर…

0 0
Read Time:4 Minute, 9 Second

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि वर्तमान समय में कई देशों को अमेरिका के बारे में चिंता है, लेकिन भारत उन देशों में शामिल नहीं है।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली तीन कॉल्स में से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को की थी। उन्होंने यह कॉल अमेरिका और भारत के रिश्तों पर चर्चा करने के लिए की थी, यह जानने के लिए कि ट्रंप के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा। रविवार (10 नवंबर, 2024) को मुंबई में आदित्य बिरला स्कॉलरशिप प्रोग्राम के दौरान जयशंकर ने यह बात साझा की, जहां हारवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिशेल जे. सेंडल और आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला भी मौजूद थे।

इस समय, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की जीत के बाद इस बात पर चर्चा हो रही है कि कौन से देश अमेरिका के बारे में चिंतित हैं और किसे ट्रंप के शासन से फायदा हो सकता है। इस बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत उन देशों में नहीं है, जिन्हें अमेरिका को लेकर चिंता है, और भारत के लिए अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत और सकारात्मक बने हुए हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा कि वर्तमान समय में बहुत से देश अमेरिका को लेकर चिंतित हैं, लेकिन भारत उनमें से नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिकी चुनावों के नतीजे भारत-अमेरिका रिश्तों को प्रभावित कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के विभिन्न राष्ट्रपतियों के साथ अच्छे संबंध बनाए हैं, और यह संबंध भविष्य में भी मजबूत बने रहेंगे।

जयशंकर ने वैश्विक शक्ति की गतिशीलता में बदलाव को स्वीकार किया और कहा, “हम खुद इस बदलाव का उदाहरण हैं।” उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति, भारतीय कॉरपोरेट जगत की बढ़ती उपस्थिति और भारतीय पेशेवरों के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हमारी आर्थिक रैंकिंग और वैश्विक प्रभाव को देखकर यह कहा जा सकता है कि पुनर्संतुलन हुआ है।”

उन्होंने यह भी बताया कि औपनिवेशिक काल के बाद देशों को स्वतंत्रता मिलने के बाद उनकी नीतियों में बदलाव आया और उनका आगे बढ़ना तय था। कुछ देशों ने तेजी से विकास किया, जबकि कुछ ने धीमी गति से प्रगति की, लेकिन शासन और नेतृत्व की गुणवत्ता का अहम रोल था।

एस. जयशंकर ने कहा कि दुनिया आज एक अधिक विविधतापूर्ण और बहुध्रुवीय दिशा की ओर बढ़ रही है, और यह बदलाव ठीक वैसे ही है जैसे कॉरपोरेट जगत में हुआ है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वे अब भी प्रमुख निवेश लक्ष्य बने हुए हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *