मौसम विभाग ने कश्मीर घाटी और लद्दाख में सर्दी के बढ़ने की जानकारी दी है, जहां तापमान में गिरावट और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। अगले 72 घंटों में इन क्षेत्रों में बर्फबारी की चेतावनी दी गई है.
जम्मू कश्मीर में बर्फबारी की चेतावनी: कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र में सर्दियों की शुरुआत से पहले ही गंभीर शीत लहर का असर दिखने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 72 घंटों के दौरान तीन पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, जिनके कारण इन क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। इन विक्षोभों से तापमान में और गिरावट आने की उम्मीद है, जो सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर सकता है।
गुरुवार को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -2.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो सामान्य तापमान से काफी कम था। यह कश्मीर घाटी में कठोर सर्दी की शुरुआत का संकेत है। इस तापमान में गिरावट चिल्लई कलां की शुरुआत को दर्शाती है, जो कश्मीर में 40 दिनों की सबसे ठंडी सर्दी की अवधि होती है। यह अवधि 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी तक जारी रहती है, और इस दौरान कश्मीर में बर्फबारी और ठंडक का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है।
दक्षिणी जिलों में सबसे ज्यादा ठंड
कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र में सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जहां रात के समय का तापमान शून्य से -2 से -5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। दक्षिणी जिले जैसे शोपियां को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, जहां न्यूनतम तापमान -5.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, लद्दाख क्षेत्र में भीषण शीत लहर का सामना किया जा रहा है। लेह में तापमान -8.8 डिग्री सेल्सियस, कारगिल में -8.3 डिग्री सेल्सियस और द्रास में -12.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो इस क्षेत्र का सबसे ठंडा स्थान है।
मौसम विभाग ने लद्दाख के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें अगले 12 घंटों में मौसम में सुधार की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही 30 नवंबर और 2-3 दिसंबर के बीच लद्दाख के कई इलाकों, विशेषकर जोजिला, में बर्फबारी का अनुमान है। इस बर्फबारी से सड़क परिवहन गतिविधियों में परेशानी होने की संभावना जताई गई है।
चिल्लई कलां से पहले की सर्दी का आगमन
कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र में सर्दी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही चिल्लई कलां की 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दी की अवधि का आगमन हो गया है, जो 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलेगी। इस अवधि में क्षेत्र में तेज ठंड, लगातार बर्फबारी और श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील के कुछ हिस्सों का जम जाना देखा जाता है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित होता है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार इस साल सर्दियां ज्यादा कठोर हो सकती हैं, और ठंड का असर पहले ही दिखने लगा है। कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में तापमान में गिरावट और सर्दी के प्रभाव को देखते हुए निवासी और अधिकारी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। विशेष रूप से शोपियां, कुपवाड़ा, गुरेज, तंगधार और पीर पंजाल के ऊंचाई वाले और दूरदराज इलाकों में ठंड का असर सबसे ज्यादा देखा जा सकता है।