एआईएमआईएम के नेताओं ने मेरठ में वंदे मातरम विवाद के संबंध में खड़ा विरोध दिया है। उन्होंने यह बताया है कि वे विवाद में झुकने के लिए तत्पर नहीं हैं और अगर किसी को हमला किया गया है, तो पुलिस को संज्ञान में लेना चाहिए। बीजेपी के सदस्य इससे परेशान हो गए हैं।
यूपी समाचार: मेरठ, उत्तर प्रदेश में वंदे मातरम गान को लेकर नगर निगम के शपथ ग्रहण समारोह में एआईएमआईएम और बीजेपी के बीच वार छिड़ गया है। इस वार की जंग यहां खत्म नहीं होने वाली है। बड़े दिग्गज इस विवाद में सम्मिलित हो गए हैं और सियासी युद्ध शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के विधायक हाजी रफीक अंसारी ने इस विवाद को चर्चा में लेते हुए शहर को दंगे में नहीं खिंचने की विचारधारा को गलत बताया है। वे हिंदू-मुस्लिम समझदारी का धन्यवाद करते हैं और एआईएमआईएम के पार्षदों को बड़े सलाह भी देते हैं, इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन की लापरवाही को दोषी ठहराया है।
एआईएमआईएम के पार्षदों और कार्यकर्ताओं के साथ वंदे मातरम के दौरान उनकी गैरमौजूदगी पर मारपीट हुई थी। बीजेपी के दो पार्षदों राजीव काले और उत्तम सैनी को इस मारपीट के मामले में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। एआईएमआईएम के 8 पार्षदों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, जिसके कारण हिंदूवादी संगठन भी नाराज हैं। उन्होंने एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का पुतला फूंककर अपनी नाराजगी प्रकट की है। साथ ही, वंदे मातरम के अपमान को बड़ा मुद्दा बनाते हुए पुलिस पर सवाल उठाए गए हैं।
एआईएमआईएम के नेता झुकने को तैयार नहीं
दूसरी ओर बड़े बवंडर होने के बावजूद, एआईएमआईएम के नेता झुकने के लिए तत्पर नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि अगर हमने मारपीट की है, तो पुलिस कार्रवाई करेगी। बीजेपी के सदस्यों को इसने उनमें बौखलाहट पैदा की है। वे पांच सालों तक नगर निगम में इनके सिरदर्द बने रहेंगे, उन्हें किसी कीमत पर नहीं हटाया जाएगा और वंदे मातरम नहीं गाएंगे। अगर हमारे बाकी चार पार्षदों को शपथ दिलाने में असमर्थ रहते हैं, तो हम कोर्ट के द्वारा आपत्ति दर्ज करवाएंगे। उनकी नाराजगी की पीछे की वजह है कि बीजेपी के राज्यसभा सदस्य डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी और एमएलए अमित अग्रवाल ने मेडिकल थाने भी गए थे, लेकिन फिर भी एआईएमआईएम पार्षदों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ।
‘क्या वंदे भारत एक्सप्रेस में बैठना बंद कर देंगे’
इस मामले पर बीजेपी काफी कठोर रुप से प्रतिक्रिया दिखा रही है। उनका कहना है कि ये लोग देशद्रोही हैं और उन्हें देश के हितों के खिलाफ काम करते हुए देखा जा रहा है। वे कह रहे हैं कि जब ये लोग मरेंगे तो उन्हें इसी धरती में जगह मिलेगी, और वे छाती पीटते हुए मर जाएंगे। उनका प्रश्न है कि क्या वंदे भारत एक्सप्रेस में इन लोगों को बैठने की अनुमति देनी चाहिए। बीजेपी के नेताओं के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज न करने पर एआईएमआईएम के पार्षदों के खिलाफ एमएलए अमित अग्रवाल पुलिस को भी धमका रहे हैं और उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि वे इस मुद्दे को लखनऊ तक ले जाएंगे।
‘वंदे मातरम पर संग्राम अभी और बढ़ेगा’
वंदे मातरम के मुद्दे के बारे में शपथ ग्रहण समारोह में जो घटनाएं हुईं, उनकी गूंज अब लखनऊ और दिल्ली तक पहुंच रही है। जल्द ही नगर निगम की बोर्ड बैठक भी होगी, जिसमें इस मुद्दे के गरमाने की स्थिति को देखा जा रहा है। मेरठ नगर निगम में यह तहलका उठा है, लेकिन फिलहाल यह तूफान ठंडी जा रहा है। मारपीट के बाद और बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है, जिसमें बीजेपी, एआईएमआईएम और सपा के नेता मुद्दे पर आपस में बहस कर रहे हैं। कौन किस पर भारी पड़ेगा, यह वक्त तय करेगा, लेकिन वंदे मातरम पर शुरू हुए यह संग्राम अभी और बढ़ता जा रहा है।