लोकसभा अध्यक्ष के प्रयासों के बाद, एक गरीब परिवार के दो महीने के बच्चे को नवजीवन मिला है। उसे दिल्ली में एक जटिल ऑपरेशन कराया गया था, जिसकी सफलता हुई। बच्चे के दिल के पास की हड्डी नहीं थी।
कोटा समाचार: कोटा संभाग में ‘हर परिवार स्वस्थ-हर गांव स्वस्थ’ अभियान के अंतर्गत, एम्बुलेंस गांव-गांव जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। यह एम्बुलेंस मजदूरों की जांच के लिए खदानों और खेतों में भी पहुंच रही है। यहां पर लोगों का उपचार और दवाएं तुरंत ही दी जा रही हैं। गंभीर बीमारियों के लिए बड़े सेंटरों पर उपचार भी हो रहा है। एक मामले में, कोटा के सीमलिया टोल नाके से एम्बुलेंस गुजरती हुई महेंद्र ने अपने बेटे देवांश की बीमारी पर एम्बुलेंस में मौजूद डॉक्टरों से चर्चा की। डॉक्टरों ने उसे बच्चे के उपचार के कागजात लेकर लोक सभा कैंप कार्यालय बुलाया, जहां पता चला कि देवांश का उपचार दिल्ली में ही संभव है। पूरी बात को लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला को सूचित किया गया, जिन्होंने तत्परता से उपचार के निर्देश दिए और सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया।
जगह-जगह बेटे को लेकर भटकता रहा पिता
महेंद्र के बेटे देवांश के साथ जुड़ी समस्या सचमुच ही चिंताजनक है। हड्डी की अभावता दिल के आगे की हड्डी को सुरक्षा रोकती है और इसके अभाव में देवांश के जीवन पर खतरा हो सकता है। यह समस्या उनके परिवार के लिए बहुत परेशानी भरी हो गई है।
आपने उल्लेख किया है कि पहली संतान के जन्म के समय खुशियां थीं, लेकिन यह समस्या खुशियों को चिंता में बदल गई है। महेंद्र कोटा के खेड़ली फाटक में रहते हैं और सीमलिया टोल नाके पर काम करते हैं। उन्हें अपने बेटे का उपचार के लिए यहां-वहां घूमने की आवश्यकता रहती है।
इस परिस्थिति में, परिजनों को चिंता होना स्वाभाविक है। यह एक गंभीर समस्या है और उन्हें उच्चतम स्तर का उपचार प्राप्त करने की जरूरत हो सकती है। परिवार को अपने छोटे सदस्य के स्वास्थ्य के लिए समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा सुविधाओं का उपयोग करना चाहिए। उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए ताकि सही उपचार का निर्णय लिया जा सके।
दिल्ली में पूरा उपचार भी मिला और परिवार को सुविधाएं भी
देवांश का दिल्ली में सफल इलाज होने और अब वे घर लौटने के बाद आम जीवन को निर्माण करने की संभावना है। उनके स्वास्थ्य को अच्छी तरह संरक्षित रखने और उनकी वापसी की प्रक्रिया को सही ढंग से संचालित करने पर परिवार को ध्यान देना आवश्यक होगा। इससे उनकी शक्ति और उम्र के अनुरूप पुनर्स्थापना में सहायता मिलेगी। एक शांत और सुरक्षित माहौल में उनका रखरखाव, स्वस्थ आहार, नियमित चिकित्सा जांच, और उचित दवाओं का सेवन करना उनके स्वास्थ्य को सुधारेगा।
मां की आंखों में खुशी के आंसू
बेटे देवांश की गंभीर बीमारी के ज्ञान में आने के बाद, संतोष अपने आंसू रोकने में सक्षम नहीं थीं। डॉक्टरों ने उसे उसके बच्चे के इलाज के पहले सलाह दी और समझाया कि समस्या जटिल है, लेकिन देवांश को ठीक किया जा सकता है। बेटे की सफल ऑपरेशन के बाद, संतोष खुश हैं। उनका कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की प्रयासों से उनके बच्चे को नया जीवन मिला है।