मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है, जिसको मायावती को पसंद नहीं आई है।
यूपी समाचार: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट से अधिक इस्तेमाल करने वाले परिवारों को भी पहली 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इस घोषणा पर मायावती ने बीएसपी (BSP) के नेता के रूप में रिएक्शन दिया है। मायावती ने कहा कि राजस्थान में ये घोषणाएं चुनावी छलावा हैं और कांग्रेस सरकार को पांच साल पहले ही इन कार्यों को कर देना चाहिए था, बढ़ती महंगाई के मद्देनजर।
बसपा प्रमुख ने बताया कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार, मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार और तेलंगाना की बीआरएस सरकार विधानसभा चुनाव के नजदीक अपनी सरकारों को बचाने के लिए विभिन्न प्रलोभन और भ्रामक विज्ञापनों का सहारा ले रही हैं, जबकि जनता इनके इस प्रयास से ऊब चुकी है। वह दावा करते हैं कि इन सरकारों ने जनहित और जनकल्याण कार्यों में विफलता प्रदर्शित की है।
जनता के हित की हुई अनदेखी
बीएसपी चीफ ने बताया कि इन चार राज्यों की जनता ने इन पार्टियों की सरकारों को उनके चुनावी वादों के मुताबिक महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन आदि को दूर करने और राज्य के आपेक्षित विकास के लिए मौका दिया है, लेकिन इन पार्टियों की सरकारों ने जनता के हित की अनदेखी की और उनके साथ विश्वासघात किया है।
अशोक गहलोत ने बुधवार रात एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “हर महीने 100 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले परिवारों को भी पहली 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी, यानी कितना भी बिल क्यों ना आए, पहले 100 यूनिट का कोई भी विद्युत शुल्क नहीं देना होगा।” यहां उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पहले ही 100 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वालों के लिए बिजली बिल को ‘शून्य’ कर दिया है। गहलोत के अनुसार, “उन्हें पहले की तरह कोई बिल नहीं देना होगा।”