राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि जब गृह विभाग की संभाल वाले मुख्यमंत्री आप स्वयं होते हैं, तो उस स्थिति में बिकाऊ विधायकों के नामों को क्यों सार्वजनिक नहीं किया जाता?
राजस्थान समाचार: राजस्थान सरकार में गृह मंत्री गोविंद राम मेघवाल के बयान ने प्रदेश के राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल पैदा कर दी है। मेघवाल ने आरोप लगाया था कि उन्हें बीजेपी ने खरीदने की कोशिश की थी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस पर पलटवार किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में इसे सिर्फ एक अभियोग बताया है।
बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अपने ट्वीट में कहा, “मुख्यमंत्री जी के बाद अब उनके संगठन के सहयोगी मंत्री गोविंदराम मेघवाल विधायकों की खरीदफारोख्त और फोन टैपिंग को लेकर भाजपा पर अभियोग लगा रहे हैं। जब सरकार कांग्रेस की होती है, तो गृह विभाग के मुख्यमंत्री खुद होते हैं, फिर भी तथाकथित बिकाऊ विधायकों के नामों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाता? और फोन टैपिंग का जांच ब्यौरा क्यों नहीं सौंपा जाता? मंत्री के बयान और यह तथ्य प्रमाणित करते हैं कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार फोन टैपिंग हो रही थी।”
‘कांग्रेस अलाप रही पुराना राग’
राठौड़ ने आगे कहा, “वहीं तत्कालीन मुख्य सचेतक ने फोन टैपिंग केस में एसीबी और एसओजी में एफआईआर दर्ज कराई तो फिर मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर एफआर क्यों लगाई गई? कांग्रेस के नेता पुराना राग अलापकर अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति करना बंद करें और जनहित पर ध्यान दें तो बेहतर होगा.”
इसके अलावा, राजस्थान सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने शनिवार को बड़ा दावा किया था कि उन्हें बीजेपी ने खरीदने का प्रयास किया था। मेघवाल ने कहा कि मुझे फोन आया था और मेरे पास इसकी रिकॉर्डिंग भी है, लेकिन अब यह बात पुरानी हो चुकी है। मैंने उनसे कह दिया कि पशुओं को खरीदने और बेचने की प्रथा होती है, इंसानों को नहीं।
‘अशोक गहलोत हमारे सीएम, इसलिए यह सरकार बच गई’
मेघवाल ने यह भी कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि अशोक गहलोत हमारे मुख्यमंत्री है, इसलिए यह सरकार बच गई। उन्होंने ये बातें बीकानेर में एक कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में कहीं। मेघवाल ने व्यक्त किया कि उनके पास इसकी रिकॉर्डिंग है, लेकिन वह इस बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहते, क्योंकि कल को पार्टी भी कहेगी कि क्या बोल गए हैं। उन्होंने दावा किया कि वे जो कुछ बोल रहे हैं, उसे बहुत सोच-समझकर बोल रहे हैं।