अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के गिरने का मामला पूरे देश में महत्वपूर्ण है और इस विषय पर सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया के साथ चर्चा की।
पटना: भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज पुल (Aguwani-Sultanganj Bridge) की गिरने के बाद, बिहार की राजनीति में उठापटक मच गई है। इस मामले के संबंध में, बीजेपी (BJP) नीतीश सरकार की प्रशंसा कर रही है और उसके काम पर सवाल उठा रही है। सोमवार को, सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस मामले को लेकर यह कहा कि भागलपुर में पहले भी ऐसी घटना हुई थी, और तब भी हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ? इस पुल का काम 2014 से शुरू हो चुका था। घटना के बाद, हमने विभाग के लोगों से कार्रवाई के लिए कहा है।
अधिकारियों को कहा जांच कर देखिए और एक्शन लीजिए- सीएम
भागलपुर में निर्माणाधीन पुल की गिरने की घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि यह घटना पहले भी हुई थी और उसी समय हमने यह पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ? इस पुल का निर्माण करने का फैसला पहले से ही किया गया था और काम 2014 से शुरू हो चुका था। इसके बावजूद देरी हो रही है और हमें इसका बहुत आफत हो रही है। कल हमें जानकारी मिलने के बाद ही हमने अधिकारियों से जांच करने और कार्रवाई करने को कहा है। यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है कि पुल दोबारा गिरा है, यह मतलब है कि वह ठीक से नहीं बन रहा है। हमें पुल को अब तक तैयार हो जाना चाहिए था, इसलिए हमें इससे बहुत दुख हुआ है। हम दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
बीजेपी के निशाने पर नीतीश सरकार
जबकि भागलपुर में निर्माणाधीन पुल की गिरने की घटना से नीतीश सरकार को बीजेपी का निशाना बनाया जा रहा है। इस मुद्दे पर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है और बीजेपी नीतीश सरकार को हर तरह से घेर रही है। सुल्तानगंज में बन रहे इस निर्माणाधीन फोरलेन पुल का खर्च 1710 करोड़ रुपये है और इसका निर्माण गंगा नदी पर हो रहा है। रविवार को यह पुल गंगा नदी में गिर गया। यह पुल खगड़िया को भागलपुर से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था और जब इसका निर्माण हो रहा था, तब यह अचानक गंगा नदी में गिर गया। पुल की गिरने के साथ ही इलाके में एक तेज आवाज सुनाई दी और हड़कंप मच गया। एक साल पहले भी इस पुल का कुछ हिस्सा आंधी में ढह गया था और साल 2014 में इस पुल का शिलान्यास नीतीश कुमार ने किया था।