बिहार में, यद्यपि पूर्ण शराबबंदी की नीति है, फिर भी अवैध शराब की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए, मद्य निषेध विभाग ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
पटना: बिहार में शराबबंदी के प्रभावी बनाने के लिए पुलिस द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया है। अब पुलिसकर्मी न केवल बंदूक और गोली के साथ, बल्कि मिर्ची पाउडर स्प्रे भी अपने साथ लेकर चलेंगे। यह साधन शराब कारोबारियों पर हमला करने या छापेमारी के दौरान उनके परिजनों, महिलाओं और बच्चों के विरोध करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। मद्य निषेध विभाग के संयुक्त आयुक्त कृष्ण पासवान ने बताया है कि जब पुलिस अवैध शराब की बिक्री या निर्माण कर्ताओं पर कार्रवाई करने जाती है, तो उन पर हमला किया जाता है और महिलाएं और बच्चे गाड़ी के सामने आकर विरोध करते हैं, जिससे मुख्य आरोपी भाग जाते हैं।
इसलिए, इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक समय के लिए, निर्णय लिया गया है कि सभी पुलिसकर्मियों को मिर्ची स्प्रे प्रदान किया जाएगा, ताकि महिलाएं और बच्चों को मिर्ची से रोका जा सके। पासवान ने बताया है कि मिर्ची से आंखों में जलन होती है, लेकिन इससे ज्यादा प्रभाव नहीं होता है। बड़े-बड़े काम जो गोली, बंदूक और लाठी से नहीं किए जा सकते हैं, वे मिर्ची से किए जा सकते हैं। मिर्ची स्प्रे का उपयोग अक्सर कश्मीर में आतंकवादियों को पकड़ने के लिए किया जाता है।
15 फीट की दूरी से इस्तेमाल किया जाएगा मिर्ची स्प्रे
बिहार में पूर्ण शराबबंदी होने के बावजूद, अवैध शराब की बिक्री लगभग सभी जिलों में धड़ल्ले से होती है, और जब अबकारी विभाग की टीम या स्थानीय थाना छापेमारी करने जाती है, तो अक्सर शराब कारोबारी और उसके परिजन पुलिस टीम पर हमला करते हैं। हाल ही में हाजीपुर में एक पुलिस टीम पर हमला किया गया था, और ऐसी कई और घटनाएं पहले भी हुई हैं जहां शराब कारोबारी और उसके परिजन पुलिस पर हमला करते हैं। पुलिस पहुंचने पर, परिवार के सदस्यों का पहला काम अपने कारोबारी को बचाने का प्रयास करना होता है। इसलिए, पुलिस ने विरोध करने वाले परिजनों पर नियंत्रण रखने के लिए मिर्ची स्प्रे का उपयोग करने का निर्णय लिया है। यह साधन परिजनों को नकेल कसने के लिए 15 फीट की दूरी से इस्तेमाल होगा और इसका प्रभाव 30 फीट तक होगा।
7 लाख रुपये के मंगाए गए हैं मिर्ची स्प्रे
2016 में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्ण शराबबंदी का निर्णय लिया था, और इसके बावजूद बिहार में अवैध शराब के धंधे की गतिविधि अब भी जारी है। शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कई तरह के कानून लागू किए गए हैं और शराब कारोबारियों को नकेल कसने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाए गए हैं। इसके तहत, छापेमारी के लिए ड्रोन कैमरे का उपयोग किया गया है, हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल शराब कारोबारी की खोज में किया गया है, और स्पेशल कुत्तों की टीम को लगाया गया है। सरकार ने शराबबंदी को सफल बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन अवैध शराब की बिक्री रोकने में सफल नहीं हो सके। अब मध्य निषेध विभाग ने शराब कारोबारियों को नकेल कसने के लिए मिर्ची स्प्रे का उपयोग करने का निर्णय लिया है। कृष्ण पासवान ने बताया कि वे पहले से ही 700 बोतलें मिर्ची स्प्रे खरीद चुके हैं, और पुलिस को एक सप्ताह के भीतर सभी थानों में मिर्ची स्प्रे उपलब्ध कराएँगे। यह मिर्ची स्प्रे उपकरण 15 फीट की दूरी से इस्तेमाल होगा और इसका प्रभाव 30 फीट तक रहेगा।