यूपी पुलिस, संजीव माहेश्वरी (जीवा हत्याकांड) की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज का उपयोग कर रही है। उन्हें फुटेज से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। इसके अतिरिक्त, पुलिस अब उस घटनास्थल के सहायक लोगों की भी खोज कर रही है।
शूटर संजीव जीवा मर्डर : जीवा हत्याकांड की जांच लखनऊ के अदालत में चल रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज का उपयोग करके जीवा हत्याकांड की साजिशकर्ता तक पहुंचने में सफलता मिली है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चारबाग से पुराने हाईकोर्ट परिसर तक तकनीकी जांच के लिए पुलिस द्वारा खंगाल रही है।
आरोपी विजय यादव का चेहरा कैसरबाग बस अड्डे के सीसीटीवी फुटेज में पाया गया है। उसे फुटेज में रोडवेज बस से उतरते हुए दिखाया गया है। विजय ने बस से उतरकर किसी युवक से मुलाकात की है। पुलिस विजय की पहुंच को साबित करने के लिए कैसरबाग बस अड्डे और उसके आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का इस्तेमाल कर रही है।
मददगारों की तलाश भी तेज
उपरोक्त फुटेज के बाद, पुलिस कैसरबाग बस अड्डे पर बहराइच से आने वाली बसों की जांच कर रही है और विजय से मिलने वाले व्यक्ति की पहचान का प्रयास कर रही है। होटलों के रिकॉर्डों की जांच के माध्यम से कैसरबाग या चारबाग के किसी होटल में विजय के ठहरने की संभावना भी खोजी जा रही है। साथ ही, शूटर विजय के सहायकों की खोज भी तेज की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट के बाहर मददगार विजय को व्हाट्सएप पर पल-पल की जानकारी दे रहा था। जांच के लिए पुलिस द्वारा दो टीमों का गठन किया गया है, जिसमें चार-चार पुलिसकर्मी शामिल हैं। इसके अलावा, अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है।
महत्वपूर्ण बात है कि मुख्तार अंसारी, जो गैंगस्टर से नेता बने थे, के कथित सहयोगी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कर दी गई थी। इस हमले में एक बच्ची सहित दो अन्य लोग घायल हुए थे। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए शंकर यादव के रूप में एक व्यक्ति की पहचान विजय यादव (24) साबित की गई है, जो जौनपुर जिले का निवासी है।