सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपने का आदेश दिया था। गुरुवार को CISF के जवान पहुंचे और मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के हॉस्टल और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा संभाल ली।
आरजी कर मेडिकल अस्पताल में सीआईएसएफ तैनात: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार (22 अगस्त 2024) को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली। अस्पताल परिसर में 151 CISF अधिकारी और सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे, जिनमें एक असिस्टेंट कमांडेंट, तीन इंस्पेक्टर, तीन सब-इंस्पेक्टर, 38 हेड कॉन्स्टेबल, और 68 कॉन्स्टेबल शामिल हैं। सभी सुरक्षाकर्मी शाम तक अपना चार्ज संभाल लेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपने का आदेश दिया था, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज, अस्पताल के रेजिडेंस डॉक्टरों के हॉस्टल, और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा CISF के जवानों को सौंपी गई है। इस मामले के बाद कोलकाता में 14 अगस्त को डॉक्टरों और आम लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसमें अस्पताल परिसर पर हमला और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। इसके चलते पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे थे और अस्पताल की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं।
10 सदस्यीय टास्क फोर्स बनाई गई
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने के लिए 10 सदस्यों की टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया है। यह टीम तीन सप्ताह के भीतर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट और दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।
9 अगस्त की घटना में, आरजी कर मेडिकल अस्पताल और कॉलेज के सेमिनार रूम में एक 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का रेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी, जो एक सिविक वॉलिंटियर था, को अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना के बाद से देशभर में डॉक्टरों द्वारा हड़ताल और विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं।