चिराग के अनुसार, उन्हें 2014 से यह दिख रहा है कि लोग वादे के नाम पर फ़ोटो खिंचवाते हैं, लेकिन चुनाव आने पर भानुमति का कुटुंब बिखर जाता है। यह उक्त कार्यवाही के बारे में उनकी दृष्टि है।
पटना: चिराग पासवान ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाते हुए कहा है कि नीतीश कुमार बिहार में पुल नहीं बना पा रहे हैं और उनकी जगह विपक्षी ब्रिज बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने भी विपक्षी दलों की एकता पर व्यंग्य किया है और कहा है कि लोग चुनावी वक्त में तो एक होने के नाम पर फ़ोटो खिंचवाते हैं, लेकिन वास्तविकता में भानुमति का कुटुंब बिखर जाता है.
चिराग पासवान ने विपक्षी एकता को लेकर कहा है कि देश में कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा रखते हैं और कई मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं, इसलिए सभी विपक्षी दलों को एक होकर किसी नेता को नेतृत्व सौंपना मुश्किल है. उन्होंने इसके साथ ही दावा किया है कि विपक्ष कभी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेगा और बिहार की जनता भी उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेगी।
28 नवंबर को चिराग पासवान करेंगे शक्ति प्रदर्शन
चिराग पासवान ने अभी तक अपने आगामी लोकसभा चुनाव में किसी गठबंधन के बारे में स्पष्टता से बताने का खुलासा नहीं किया है। उनका उद्देश्य है कि वे पहले सभी पार्टियों को अपनी शक्ति दिखाएं और उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाएं। इसलिए, वे 28 नवंबर को अपनी पार्टी के स्थापना दिवस पर पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इस रैली के माध्यम से वे अपनी शक्ति को प्रदर्शित कर सकते हैं और गठबंधन में दबाव बना सकते हैं। इसके बाद उनके संगठन की बाढ़ती प्रतिष्ठा के आधार पर, उनके गठबंधन या सहयोग की रणनीति व्यक्त हो सकती है।
चिराग पासवान ने मांगा लोगों से सुझाव
चिराग पासवान ने अपने एजेंडा “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के बारे में बताया है और एक व्हाट्सएप नंबर 7091776634 पर संपर्क करने की जानकारी दी है। इस नंबर पर बिहार की जनता अपनी समस्याएं और सुझाव प्रेषित कर सकती है और चिराग पासवान और उनकी कमेटी इसे देखेंगे। अगर किसी सुझाव में अच्छी प्रतिक्रिया होती है, तो उन्हें काम में लिया जाएगा।
गठबंधन के मामले में, चिराग पासवान ने बताया है कि गठबंधन किस पार्टी के साथ होगा और कितनी सीटों पर वे चुनाव लड़ेंगे, यह सभी चुनाव के समय तय किया जाएगा। उनका पहला लक्ष्य है कि वे बिहार की जनता से सुझाव प्राप्त करें और उनके सुझाव पर काम करें। उन्होंने एक सात सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो जनता के सुझावों को विचार करेगी और आगे के कार्य में इसका उपयोग करेगी।