हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद कांग्रेस के सहयोगी दल भी अब उसे चुनौती देने लगे हैं। सभी एक स्वर में अपनी बातें रखने लगे हैं।
हरियाणा चुनाव परिणाम 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने कांग्रेस को एक बार फिर निराश किया है। एग्जिट पोल के अनुसार, पार्टी को जीत की उम्मीद थी, लेकिन परिणामों ने उसे झटका दिया। इस स्थिति में, कांग्रेस के सहयोगी दल, जो INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, भी अब खुलकर अपनी बात रखने लगे हैं।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस की हार को लेकर आलोचना की है। इन पार्टियों ने कांग्रेस के अति आत्मविश्वास, अहंकार, और अधिकारवाद को हार के प्रमुख कारण बताया है।
वहीं, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए उपचुनाव के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिससे कांग्रेस की स्थिति और कमजोर हो गई है।
जानिए किसने क्या कहा और क्या किया?
उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने 10 में से 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिसमें दो सीटें ऐसी हैं जिन पर कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी। कांग्रेस ने सपा से अनुरोध किया था कि उसे उन दो सीटों पर उम्मीदवार देने चाहिए, जहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी, लेकिन सपा ने कांग्रेस की इस मांग को ठुकराते हुए फूलपुर और मझवां पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए।
इस बीच, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में कांग्रेस के नेताओं को चेतावनी दी गई है कि उन्हें हरियाणा में कांग्रेस की हार से सबक लेना चाहिए, जो “राज्य नेतृत्व के अति आत्मविश्वास और अहंकार” के कारण हुई। संपादकीय में कहा गया है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी यही स्थिति देखने को मिली, जहां पार्टी के आंतरिक मुद्दे हावी रहे और इसके चलते कांग्रेस हार गई।
सामना में यह भी उल्लेख किया गया है कि कांग्रेस ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी और अन्य सहयोगियों को किनारे करते हुए अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जबकि जम्मू-कश्मीर में उसकी जीत का कारण एनसी के साथ गठबंधन था।
हरियाणा में कांग्रेस की हार पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अहंकार, अधिकार और क्षेत्रीय दलों को कमतर आंकना विनाश का कारण है।” उन्होंने ट्वीट किया कि इस तरह का रवैया चुनावी हार की ओर ले जाता है, और यदि हम जीतने की भावना में हैं, तो हमें क्षेत्रीय पार्टियों को स्थान देने पर विचार करना चाहिए।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कांग्रेस की चुनावी रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि चुनाव परिणामों से यह सीख मिली है कि किसी को भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए, यह याद दिलाते हुए कि लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस ने एक साथ काम किया था।
हरियाणा के चुनावी नतीजे
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार शाम को घोषित नतीजों के मुताबिक, बीजी ने 48 सीटें जीतकर अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जो 2014 की तुलना में एक अधिक है. वहीं, कांग्रेस 37 सीटें जीतने में सफल रही. इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने दो सीटें जीतीं और निर्दलीय उम्मीदवारों को तीन सीटें मिलीं.