भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।
रतन टाटा: भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे और उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। रतन टाटा ने मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह का नेतृत्व किया और उनके कार्यकाल में कंपनी ने कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए।
रतन टाटा केवल एक सफल बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि एक समाजसेवी भी थे। उनका सामाजिक कार्यों में विशेष योगदान रहा है। इसके अलावा, उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ भी गहरा नाता था।
रतन टाटा ने 2016 और 2019 में नागपुर में संघ कार्यालय का दौरा किया था। जब मोहन भागवत ने एक बार मुंबई में रतन टाटा को चंद्रपुर में चल रहे बांस प्रोजेक्ट के बारे में बताया, तो रतन टाटा ने तुरंत कहा कि टाटा ग्रुप इस परियोजना में हर संभव मदद करेगा। इसके बाद, टाटा समूह ने उस परियोजना के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
उठ रही है भारत रत्न देने की मांग
रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था, लेकिन वे देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न, पाने से वंचित रहे। इस विषय पर दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के करीबी सहयोगी सुहेल सेठ ने भारत रत्न देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा, “मैंने आज ट्वीट किया है कि देश और दुनिया में उनसे ज्यादा भारत रत्न का हकदार कोई और नहीं है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी को भी टैग किया है।”
रतन टाटा के निधन पर सुहेल सेठ ने भावुक होते हुए कहा, “मैंने अपने माता-पिता के बाद आज अपना तीसरा अभिभावक खोया है। उन्होंने मुझे बहुत स्नेह दिया जबकि मैं कुछ भी नहीं था, जबकि उनके पास पूरी दुनिया थी। जब बॉम्बे हाउस का नवीनीकरण हुआ था, तब रतन टाटा ने आग्रह किया कि एक क्षेत्र केवल कुत्तों के लिए होगा, यह इंसानियत है। इंसानियत केवल अपने लोगों के प्रति अच्छा होना नहीं है।”
उन्होंने यह भी बताया कि जब 2022 में एयर इंडिया वापस आया, तब रतन टाटा को बहुत खुशी हुई थी.