याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह आपत्ति उठाई कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने 2018 में उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। इसके अलावा, उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ जांच कराने की मांग भी की है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड (CJI D. Y. Chandrachud) ने सोमवार (30 सितंबर, 2024) को एक याचिकाकर्ता की फटकार लगाई, जब उसने सुनवाई के दौरान अनौपचारिक भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि जब कोई ‘Yeah’ जैसे अनौपचारिक शब्दों का इस्तेमाल करता है, तो यह उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आता। सीजेआई ने स्पष्ट किया कि यह कोर्ट है, न कि किसी कॉफी शॉप, और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल अनुचित है।
सीजेआई चंद्रचूड़ उस रिट याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें याचिकाकर्ता ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के फैसले को चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्हें गैरकानूनी तरीके से नौकरी से निकाला गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने 2018 में याचिका दाखिल की थी। इसके साथ ही, उन्होंने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की भी मांग की है; गोगोई इस समय राज्यसभा के सांसद हैं।
सुनवाई के दौरान, सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या यह मामला आर्टिकल 32 के तहत सुनवाई के लिए उपयुक्त है, जो मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति देता है। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता एक जज को प्रतिवादी कैसे बना सकता है, और किसी भी मामले में गरिमा का होना आवश्यक है।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता स्वयं अपनी दलीलें पेश कर रहा था। उसने मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की बात पर सहमति जताते हुए कहा, “Yeah, Yeah, पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई। मुझसे क्यूरेटिव फाइल करने के लिए कहा गया था।” इस पर, सीजेआई चंद्रचूड़ ने तुरंत आपत्ति जताते हुए कहा, “Yeah, Yeah, Yeah मत बोलो। Yes बोलिए। ये कोई कॉफी शॉप नहीं है। मुझे ‘Yeah’ शब्द से दिक्कत है। सुनवाई में इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए।”
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, “जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई थे, और आप इस तरह उनके खिलाफ याचिका नहीं दायर कर सकते। यदि आप सफल नहीं हो सके तो जज के खिलाफ इन-हाउस जांच की मांग करना उचित नहीं है। माफ करना, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
याचिकाकर्ता ने अपनी बात जारी रखते हुए बताया कि जस्टिस गोगोई ने 2018 में उसकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसे उसने गैरकानूनी बताते हुए चुनौती दी थी। उसने कहा, “मेरी कोई गलती नहीं थी। मैंने अपनी याचिका श्रम कानून की जानकारी रखने वाली पीठ के समक्ष रखने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इसे खारिज कर दिया गया।”
सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा कि उसे याचिका से पूर्व सीजेआई गोगोई का नाम हटाना चाहिए और आश्वासन दिया कि रजिस्ट्री उसके मामले को देखेगी।