सेंटर फॉर पब्लिक इंटीग्रिटी के आधिकारिक फैक्ट चेकर ने लोगों को भ्रामक संदेशों को फॉरवर्ड करने से रोक दिया है। कुछ संदेशों को गलत तरीके से प्रसारित किया जाता है, जिससे भ्रम और नुकसान हो सकता है।
भारत में कुछ विपक्षी दलों की ओर से समय-समय पर मतदाताओं से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय पेपर मतपत्रों का उपयोग करने का आह्वान किया गया है। हालांकि, हाल ही में एक यूट्यूब चैनल का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि “भारत में चुनाव ईवीएम से नहीं होंगे, मतदान बैलेट पेपर से होगा।” पहले तो कुछ लोगों को यह मैसेज चौंकाने वाला लगा, लेकिन पीआईबी फैक्ट चेक से जानकारी मिलने के बाद उन्हें पता चला कि यह दावा सच है।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर यूट्यूब चैनल का स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे मैसेज में कहा जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान रोका जा रहा है, लेकिन कोई वीडियो लिंक नहीं दिया गया है. इस मैसेज से पता चलता है कि चुनाव आयोग देश में फिर से पेपर बैलेट से वोटिंग की शुरुआत करेगा.
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पीआईबी फैक्ट चेक ने पाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की वोट काउंट बदलने वाली तस्वीर सच नहीं थी। अगला चुनाव पहले से तय नियमों के मुताबिक ही होगा। यह गलत जानकारी गलत तरीके से फैलाई जा रही है।
आपके पसंदीदा फैक्ट चेकर ने आपको चेतावनी दी है कि 12 जनवरी को चुनाव कराने की सरकार की योजना के बारे में यह दावा सच नहीं है। इस मैसेज को खुद फैक्ट चेकर ने कुछ दिन पहले पोस्ट किया था और बाकी ट्विटर जगत ने भी इस पर सहमति जताई है। 12 जनवरी को चुनाव जैसी कोई चीज नहीं है, इसलिए कृपया इस झूठी सूचना को फैलाना बंद करें।