पुरातत्वविदों को एक शिलालेख मिला है जो 2,000 साल पुराना है। यह शिलालेख रून्स में लिखा गया है, और माना जाता है कि यह वर्णमाला के शुरुआती दिनों का है। विशेषज्ञों का मानना है कि शिलालेख वर्णमाला के शुरुआती दिनों में बनाया गया था, और यह एक महत्वपूर्ण खोज है।
ओस्लो: यह शिलालेख, जो 1,500 वर्ष से अधिक पुराना है, दुनिया के सबसे पुराने डेटा योग्य रनस्टोन में से एक है। इससे पता चलता है कि प्रारंभिक लौह युग में रनों का उपयोग नॉर्वे और स्कैंडिनेविया में व्यापक था। यह खोज विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पत्थर पर इस प्राचीन वर्णमाला के उपयोग की अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। रनस्टोन पर रून्स खुदे हुए पाए गए हैं, लेकिन यह पहली बार है कि रनस्टोन पर रून्स खुदे हुए पाए गए हैं।
यह शिलालेख, जिसे दुनिया के सबसे पुराने डेटा योग्य रनस्टोन में से एक माना जाता है, महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लौह युग के दौरान नॉर्वे और स्कैंडिनेविया में रनिक वर्णमाला के उपयोग का प्रमाण प्रदान करता है। यह खोज पहली बार हो सकती है कि इस क्षेत्र में पत्थर पर रनिक वर्णमाला का इस्तेमाल किया गया हो। इसके अतिरिक्त इस पत्थर पर सुइयाँ भी पाई गई हैं, जो इस बात का संकेत दे सकती हैं कि इसे औजार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
ज़िल्मर ने कहा कि रनस्टोन को चाकू या सुई से उकेरा गया हो सकता है, और संभवतः 1 ईसा पूर्व से 250 ईसा पूर्व के बीच बनाया गया था। रनस्टोन के पास मिली जली हुई हड्डियों, लकड़ी और कोयले की जांच करने पर यह माना गया कि यह इसी समय की अवधि की है। हालांकि, इसकी सटीक तिथि निर्धारित करने के लिए और समय की आवश्यकता होगी।
पत्थर 31 सेंटीमीटर लंबा और 32 सेंटीमीटर चौड़ा है। इसे कई अलग-अलग आकृतियों से सजाया गया है, लेकिन हम नहीं जानते कि उनका क्या मतलब है। पत्थर के एक तरफ “इडीबेरुग” लिखा है, जो संभवतः एक महिला का नाम या एक परिवार का नाम है। गिल्मर ने कहा है कि यह उनके द्वारा अपने करियर में अब तक की सबसे रोमांचक चीज है, और यह बहुत संभव है कि हम इससे बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी सीखेंगे। प्राचीन उत्तरी यूरोप में इस्तेमाल होने वाले रन भी इसी तरह से बनाए जाते थे।